Saharanpur: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के कंपनी बाग इलाके में लगा ये आम का पेड़ 121 अलग अलग किस्मों के आमों के कारण एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।
यह पेड़ वाकई एक चमत्कार है, यह बागवानों की कई सालों की मेहनत का नतीजा है।बागवानों ने कई उच्च गुणवत्ता वाली आम की किस्मों की शाखाओं को एक देसी आम के पेड़ पर सावधानीपूर्वक लगाने में कामयाबी हासिल की है।
इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों को शिक्षित करना, पारंपरिक किस्मों के साथ-साथ कम मशहूर आम की किस्मों को बढ़ावा देना और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना है।
यह आम का पेड़ महज एक पेड़ नहीं है, बल्कि आधुनिक खेती का जीवंत उदाहरण है। यह आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन करता है और फलों के राजा के सम्मान में और इजाफा करता है।
कंपनी बाग गार्डन के मैनेजर आकाश कन्नौजिया ने बताया कि “यह आम का पेड़ हमारे केंद्र में एक खास पेड़ है, जिस पर हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत की है। 2016 में उन्होंने इसमें 121 अलग-अलग आम की किस्मों की इसमें कलम बांधी थी। कलम बांधने का तरीका ये था कि जो स्वस्थ ग्राफ्ट होगी और रोगमुक्त होगी। ऐसी ग्राफ्ट को हमने इसमें लिया था।”
इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे स्थानीय किसान भाई हैं, नई प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उन्हें अपनाएं। परंपरागत रूप से वे लंगड़ा, चौसा और दशहरी जैसी पारंपरिक किस्मों का ही इस्तेमाल करते हैं। इससे न केवल जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही किसान भाइयों को सीखने को भी मिलेगा। लेकिन इस पहल के माध्यम से वे विभिन्न किस्मों की खोज कर उन्हें अपना सकते हैं, जिससे न केवल उनका ज्ञान बढ़ेगा। इससे वे अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं।”