Dehradun: हरियाणा के पंचकूला में मित्तल परिवार के सात सदस्यों की दुखद मौत से देहरादून में उनके पूर्व पड़ोसी सदमे में हैं, पुलिस के अनुसार मित्तल परिवार ने सुसाइड किया है, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल हैं।
देहरादून में जहाँ मित्तल कई सालों तक रहे, उनके पड़ोसी उन्हें विनम्र और शांत स्वभाव वाला शख्स बता रहे हैं। एक पड़ोसी ने कहा, “वो जब आए यहां पड़ोस में तो पहले हम किसी से जल्दी से बात करने नहीं हैं और फिर बच्चों का खेलना हुआ तो पता चला कि ये हरियाणा से आ रखे हैं। दो-तीन साल रहे यहां। पैसों की दिक्कत हुई होगी, किराया वगैरह ज्यादा मांग रहे होंगे तो दूसरी जगह चले गए।”
पंचकूला परिवार आत्महत्या के मामले में पुलिस को संदेह है कि परिवार ने गंभीर वित्तीय समस्याओं के कारण आत्महत्या की है, परिवार को सालों से जानने वाले पड़ोसियों ने बताया कि वे बहुत सामान्य थे और उन्हें इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि वे गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।
एक अन्य पूर्व पड़ोसी ने कहा कि “यहां किराये पर रहने आए तो ती-चार साल रहे, तब उन्हें अच्छे से जानते थे। पूरा परिवार बहुत अच्छा था। उनकी पत्नी बोलती तीं कि एनजीओ में काम करते हैं। तो उनके पति से तो हमारी उतनी बातचीत थी नहीं केवल निकलते समय दुआ-सलाम थी। वो कहती थीं कि मेरे पति एनजीओ में काम करते हैं, बाद में कहती हैं कि मेरे पति ने दुकान खोली है।”
जहां एक तरफ देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि “सनसनीखेज प्रकरण एक संज्ञान में आया था, जिसमें पंचकूला में, जैसी की जानकारी मिली कि रात में 10 बजे कंट्रोल रूम में कॉल गई थी, जिसमें पता चला कि कार में छह लोग मृत पाए थे और एक व्यक्ति जो जीवित था, उसकी भी हॉस्पिटल ले जाते वक्त मौत हो गई।चूंकि संपूर्ण प्रकरण में जो गाड़ी का नंबर था वो देहरादून में रजिस्टर्ड था। साथ ही साथ एक आईडी मिली थी श्री मित्तल जी की, जिसमें यहां का पता लिखा था। तो ऐसा लगा कि उनका देहरादून से कनेक्शन है।”
“सनसनीखेज प्रकरण एक संज्ञान में आया था, जिसमें पंचकूला में, जैसी की जानकारी मिली कि रात में 10 बजे कंट्रोल रूम में कॉल गई थी, जिसमें पता चला कि कार में छह लोग मृत पाए थे और एक व्यक्ति जो जीवित था, उसकी भी हॉस्पिटल ले जाते वक्त मौत हो गई।चूंकि संपूर्ण प्रकरण में जो गाड़ी का नंबर था वो देहरादून में रजिस्टर्ड था। साथ ही साथ एक आईडी मिली थी श्री मित्तल जी की, जिसमें यहां का पता लिखा था। तो ऐसा लगा कि उनका देहरादून से कनेक्शन है।”
इसके साथ ही देहरादून में मित्तल परिवार के पड़ोसी ने बतीय कि “वह जब आए यहां पड़ोस में तो पहले हम किसी से जल्दी से बात करने नहीं हैं। और फिर बच्चों का खेलना हुआ तो पता चला कि ये हरियाणा से आ रखे हैं। दो-तीन साल रहे यहां। पैसों की दिक्कत हुई होगी, किराया वगैरह ज्यादा मांग रहे होंगे तो दूसरी जगह चले गए।”
“यहां किराये पर रहने आए तो ती-चार साल रहे। तब उन्हें अच्छे से जानते थे। पूरा परिवार बहुत अच्छा था। उनकी पत्नी बोलती तीं कि एनजीओ में काम करते हैं। तो उनके पति से तो हमारी उतनी बातचीत थी नहीं केवल निकलते समय दुआ-सलाम थी। वो कहती थीं कि मेरे पति एनजीओ में काम करते हैं, बाद में कहती हैं कि मेरे पति ने दुकान खोली है।”