उपनल और पीआरडी के माध्यम से कोरोना काल में नियुक्त किए गए करीब 610 कर्मचारियों को 31 मार्च तक सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में सेवा विस्तार की मांग को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं। दूसरी तरफ सेवा विस्तार की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात करने पहुंचे कर्मचारियों को वहां भी सम्मान नहीं मिला। स्वास्थ्य मंत्री बिना प्रभावित कर्मचारियों से मुलाकात किए अन्य किसी कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। जिससे आक्रोशित कर्मचारी हर हाल में मंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर घर के बाहर ही बैठे रहे।
उधर, दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी परिसर में धरना दे रहे कर्मचारियों को आज कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता है तब तक उनका धरना जारी रहेगा। दूसरी तरफ दून अस्पताल में तैनात 600 से अधिक कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर जाने से मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आउट सोर्स पर रखे गए वार्डबॉय भी इस कार्य बहिष्कार में शामिल हैं। ऐसे में तीमारदारों को खुद मरीज़ों को व्हील चेयर पर इधर-उधर ले जाना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में खून की जांच समेत तमाम जांच कराने में भी मरीजों को दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि कार्य बहिष्कार में अधिकतर लैब टेक्नीशियन भी शामिल हैं।