India: भारत वैश्विक मंच पर पाकिस्तान से सीधा लोहा ले रहा है, भारत का संदेश पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जा रहा रहा है।
भारत का मुख्य मकसद ये समझना है कि दुनिया इस मुद्दे को कैसे देखती है, खास कर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के रूप में उसके जवाब के बाद। भारत दुनिया को बताना चाहता है कि ये दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि वैश्विक आतंकवाद का मुद्दा है। दरअसल कुछ मुस्लिम देश आईएसआईएस की विचारधारा के समर्थक हैं, जबकि भारत आतंकवाद का पुरजोर विरोध कर रहा है।
असदुद्दीन ओवैसी, सांसद, एआईएमआईएम “पाकिस्तान में इन आतंकवादी संगठनों और आईएसआईएस की तकफ़ीरी विचारधारा में कोई अंतर नहीं है। हमें यह याद रखना चाहिए। यह पूरी मानवता के लिए ख़तरा है और हमें इसे ख़त्म करना होगा क्योंकि उन्होंने लोगों की हत्या को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है और पूरी दुनिया जानती है कि इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है। कुरान में साफ तौर पर लिखा गया है कि एक निर्दोष मुस्लिम नहीं निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है।”
भारत मुस्लिम देशों को ये समझाने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान बेशक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन सिर्फ इसलिए उसे भारत के खिलाफ हरकतों के मामले में बख्शा नहीं जा सकता, भारत का प्रतिनिधिमंडल मुस्लिम देशों की सरकार और राजनीति में प्रभावशाली लोगों से मिल रहा है और इन देशों के थिंक टैंक से बातचीत कर रहा है। सदस्य इन देशों में रहने वाले भारतीयों से भी बात कर रहे हैं, ताकि आतंकवाद के खिलाफ एकराय बनाई जा सके।
बैजयंत पांडा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बीजेपी “प्रधानमंत्री ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि हम केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे क्योंकि उन्होंने अवैध रूप से कब्जा (पीओके पर) कर रखा है। आप जानते हैं, जब हम स्वतंत्र हुए, तो अलग-अलग हिस्से अलग-अलग देशों, पाकिस्तान, भारत में चले गए और अंग्रेजों ने एक व्यवस्था बनाई। उस व्यवस्था के तहत, जम्मू और कश्मीर ने हस्ताक्षर किए और हमारे पास आ गया और पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। तब से हम बातचीत कर रहे हैं। इसलिए अब हम पाकिस्तान के साथ केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी और आतंकवाद को रोकना। अब, अगर वे, आप जानते हैं, वे जानते हैं कि हमें जवाब देने के लिए क्या करना है। उन्हें उन आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी होगी जो उनकी धरती पर खुलेआम अपना काम कर रहे हैं।”
बातचीत और बैठकों के जरिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का मकसद ये समझाना है कि गल्फ को-ओपरेशन काउंसिल के कुछ अहम सदस्य भारत के नजरिये को कैसे देख रहे हैं। भारत का संदेश बिल्कुल साफ है कि वो शांति का पक्षधर तो है, लेकिन आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।