Jammu: जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रियासी जिले में मौजूद कटरा बेस कैंप है, देशभर से हर साल यहां करीब 95 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
कटरा की एक खास पहचान यहां का ड्राई फ्रूट भी है, बाजारों में तीर्थयात्री काफी मात्रा में ड्राई फ्रूट की खरीदारी करते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव के दौरान तुर्किए के पाकिस्तान को समर्थन करने से यहां के व्यापारी काफी खफा है। ड्राई फ्रूट व्यापारियों ने तुर्किए के सामान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
ड्राई फ्रूट विक्रेता गोपाल कृष्ण ने बताया कि “सारे अपने ड्राई फ्रूट जितने भी व्यापारी हैं, उनसे आग्रह करते हैं कि ये सारा इनका ड्राई फ्रूट जो भी इनका सामान है टोटली बायकॉट करेंगे। जो हमारे यहां पर विजिटर आते हैं उनको पता है कि ये सामान कहां-कहां का है वो हमारे से लेने वाले भी नहीं ले रहे हैं और हमने भी पीछे से मंगवाना बंद कर दिया, जो होलसेलर हैं उन्होंने भी बायकॉट कर दिया है।”
स्थानीय दुकानकारों का कहना है कि तुर्किए ने भारत के साथ विश्वासघात किया है। जबकि भारत ने कुछ साल पहले विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्किए को मानवीय मदद पहुंचाई थी, व्यापारी बताते हैं कि उन्हें भरोसा नहीं था कि तुर्किए पाकिस्तान का समर्थन करेगा।
ड्राई फ्रूट विक्रेता दीपक प्रोच ने बताया कि “किसी समय में तुर्किए में एक भूकंप आया था। सबसे पहले जो मदद की पहली खेप जो भेजी गई थी मोदी सरकार ने वो उन्होंने भेजी थी एक मानवता, मानवता को बचाने के लिए।
लेकिन अफसोस के साथ हमें कहना पड़ता है कि जब हमारी पाकिस्तान से जंग के बारे में फाइट हो रही थी तो सबसे पहले पाकिस्तान का समर्थन करने वाला यह तुर्किए ही देश ऐसा था, जिसने उसका समर्थन किया था। बाकी किसी देश ने समर्थन नहीं किया और मैं आपके चैनल के माध्यम से एक और बात बता दूं कि हम लोग जो यहां पर स्थानीय दुकानदार हैं हम एकदम तुर्किए के सामान को बायकॉट करते हैं।”
कई व्यापारिक निकायों ने तुर्किए के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है। इसके अलावा जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया सहित भारतीय विश्वविद्यालयों ने तुर्किए के संस्थानों के साथ शैक्षणिक समझौतों को रद्द कर दिया है।
ये कदम तुर्किए के पाकिस्तान को समर्थन करने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा करने के मद्देनजर उठाए गए हैं। पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान बड़े पैमाने पर तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था।