India: एसएंडपी ग्लोबल के एक प्रभाग एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने बुधवार को कहा कि अगले दशक में भारत की तेल की घरेलू मांग में चार प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से वृद्धि होने की उम्मीद है।
2025 में अब तक भारत में तेल की खपत 4.8 मिलियन बैरल प्रति दिन (एमबीपीडी) है, जो पिछले कैलेंडर वर्ष से 4.3 प्रतिशत ज्यादा है। इस साल देश की कच्चे तेल की मांग 5.4 एमबीपीडी है।
भारत कंटेंट (क्रॉस कमोडिटीज) के प्रमुख पुलकित अग्रवाल ने कहा कि ओपेक प्लस और उससे आगे की आपूर्ति वृद्धि से मांग के चुनौतीपूर्ण माहौल की वजह से 2025 में वैश्विक तेल की कीमतों में कुछ कमी आई है।
एसएंडपी ग्लोबल भारत प्रमुख (क्रॉस कमोडिटीज), पुलकित अग्रवाल ने कहा कि “भारत की ऊर्जा मांग में वृद्धि के लिए प्रमुख कारक निश्चित रूप से अनुकूल जनसांख्यिकी है। ये पहली प्रमुख वजह है। प्रति व्यक्ति ऊर्जा मांग के संदर्भ में भारत का आधार कम है और ये बढ़ रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। इसलिए, ये सब जुड़ता है और यही वजह है कि भारत भविष्य में ऊर्जा मांग वृद्धि के लिए एक बहुत ही उज्ज्वल जगह बना हुआ है।”
इसके साथ ही कहा कि “तो, ऊर्जा परिवर्तन के लिए बहुत सारे कदम उठाए जा रहे हैं, नीतिगत मोर्चे पर, जहां सरकार बहुत सारी नीतियां बना रही है जो हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा और इस तरह की चीजों का समर्थन करती हैं। लेकिन, आप जानते हैं, साथ ही निजी क्षेत्र में भी बहुत सारे निवेश हो रहे हैं जो इन सभी का समर्थन करते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि भारत की ऊर्जा की जरूरतें बहुत ज्यादा हैं और भारत की ऊर्जा की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। तो, हम ये उम्मीद नहीं कर सकते कि ये सब केवल हरित ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा या भविष्य की सभी तरह की ऊर्जा से पूरा हो जाएगा। तो, वास्तव में जो हो रहा है, वो ये है कि पाई तेजी से बढ़ रही है। तो सभी तरह की ऊर्जा महत्वपूर्ण हैं। आप जानते हैं, तेल की मांग बढ़ रही है। आप जानते हैं, गैस की मांग बढ़ रही है, कोयले की मांग बढ़ रही है, साथ ही नवीकरणीय बिजली की मांग भी बढ़ रही है। और आप जानते हैं, नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ रही है।”