Kannauj: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में 15 साल की लड़की की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, परिवार के सदस्यों ने लड़की की मौत के पीछे इलाज में लापरवाही को कारण बताया है।
लड़की जब जीटी रोड पर छिबरामऊ स्थित श्री कृष्णा अस्पताल गई थी, तब उसे बुखार था। मृतका के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के एक कंपाउंडर ने लड़की को मल्टी-विटामिन ड्रिप (आईवी) के माध्यम से इंजेक्शन देने के बजाय सीधे उसकी नसों में दवा दे दी, जिससे रिएक्शन हुआ और उसकी मौत हो गई।
मृतक लड़की के भाई ने कहा, “मेरी छोटी बहन यशिका गुप्ता को कल रात पैरों में दर्द हो रहा था। उसने बताया कि उसे कमजोरी लग रही है और वो सो गई। सुबह जब वो उठी तो उसे बुखार था। मेरी मां ने मुझे डॉक्टर के पास ले जाने को कहा।इसलिए हम उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने हमें दवा दी और चले गए। दवा लेने के बाद उसे बेहतर महसूस हुआ।
जब वह यात्रा कर रहा था तो उसे फिर से बुखार महसूस हुआ, इसलिए हम और दवा लेने के लिए श्री कृष्णा अस्पताल आए। यहां दो डॉक्टर हैं, जब वह अंदर आया तो उनमें से एक ने मेरी बहन से पूछा, लक्षण क्या हैं, उसने उसे अपने लक्षण बताए और फिर उसने पूछा कि क्या हमारे पास मल्टी विटामिन ड्रिप इंजेक्शन लगवाने का समय है। हम इससे सहज थे। जब ड्रिप लगाई जा रही थी, तो एक कंपाउंडर आया और सीधे उसके हाथ में दवा लगा दी। वह 15-16 साल की थी और उसने मल्टी विटामिन ड्रिप के जरिए इंजेक्शन लगाने के बजाय सीधे उसकी नसों में दवा की एक सख्त खुराक इंजेक्ट कर दी। दवा पहुंच गई और 15 मिनट के भीतर उसकी आंखें सूज गईं, उसे उल्टी होने लगी और 10 मिनट बाद उसकी मौत हो गई।”
एडिशनल एसपी अजय कुमार ने बताया कि, “जीटी रोड पर छिबरामऊ में श्री कृष्णा अस्पताल है, जहां 15 साल की एक लड़की की मौत हो गई थी। उसके रिश्तेदारों और स्थानीय निवासियों ने सड़क जाम कर दी थी, लेकिन अब इसे खोल दिया गया है।”