NEET-UG: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर बेंच ने एक छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के परिणामों की घोषणा पर अंतरिम रोक लगा दी है। छात्रा ने कहा है कि उसके परीक्षा केंद्र पर बिजली गुल होने के कारण वो ठीक से परीक्षा नहीं दे पाई। मेडिसिन में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा चार मई को आयोजित की गई थी, जब खराब मौसम के कारण इंदौर के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई थी।
अदालत के दिए इस आदेश से देश के 21 लाख उम्मीदवारों पर असर पड़ सकता है, याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग की है कि उसे परीक्षा में फिर से बैठने का मौका दिया जाए। न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि बिजली गुल होने के कारण उसकी प्रवेश परीक्षा प्रभावित हुई और अधिकारी परीक्षा के दौरान उचित व्यवस्था करने में विफल रहे।
पीठ ने आदेश में कहा, “ये आदेश दिया जाता है कि सुनवाई की अगली तारीख तक प्रतिवादियों द्वारा नीट-यूजी का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।” याचिका पर अगली सुनवाई 30 जून को होने की संभावना है।अदालत ने प्रतिवादियों में शामिल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए), केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को भी नोटिस जारी किया है और उनसे चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। अदालत ने आगे कहा कि प्रतिवादियों को याचिका पर आदेश लेने के निर्देश के बावजूद गुरुवार को सुनवाई के लिए कोई भी हाजिर नहीं हुआ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने बातचीत में कहा कि “पंद्रह-बीस एंट्रेंस पर जो है लाइट की व्यवस्था नही थी। चूंकि मौसम विभाग ने जो है एडवाइजरी पहले ही जारी की थी कि इस तरह का जो है नेचुरल …. हो सकती है। स्ट्राम आ सकता है। उसको इग्नोर करते हुए इन्होंने एग्जाम कंडक्ट करवाई और लाइट की व्यवस्था नही होने की वजह बच्चों को तीन घंटे की जो एग्जाम थी उसमें करीब एक से ड़ेढ घंटे- दो घंटे तक कई सेंटर्स पर जो है लाइट नही थी। उससे परेशान होकर बच्चों ने फिर जो है रिप्रजेंटेशन दिया एनटीए को और रिएग्जामिनेशन कंडक्ट करवाने के लिए भी निवेदन किया। उसके बाद में फिर हम लोगों ने जो है हाई कोर्ट में जो है पेटीसन दायर किया बच्चों की तरफ से और कुछ बच्चों के माता पिता की तरफ से कि हमारी जो है या तो रिएग्जामिनेशन कंडक्ट की जाए और या फिर हमको कोई अल्टरनेट जो है रेमेडी प्रोवाइड कि जाए जिससे हमारा फेयर असेसमेंट हो सके।
न्यायालय ने विषय को गंभीरता से लेते हुए सभी को पक्षकारों को जो है उसमें नोटिस जारी करे और नोटिस जारी कर के उनसे चार सप्ताह में समय मांगा है। और जबतक उनकी तरफ से जो नेक्स्ट हियरिंग तक जो है रिप्लाई नही आता है। तब तक माननीय उच्च न्यायालय ने जो है नीट के रिजल्टस पर जो है स्टे ग्रांट किया है।”
उन्होंने कहा कि चार मई को जब मौसम की स्थिति खराब हुई तो तीन घंटे की प्रवेश परीक्षा के दौरान शहर के कई केंद्रों पर एक से दो घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही, जिससे अभ्यर्थियों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। भटनागर ने दावा किया कि अचानक बिजली गुल होने के कारण कुछ केंद्रों पर मोमबत्ती की रोशनी में प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई, उन्होंने कहा कि नीट-यूजी के नतीजे 14 जून को संभावित रूप से घोषित किए जाएंगे।
नीट-यूजी अभ्यर्थी के वकील मृदुल भटनागर ने कहा कि “पंद्रह-बीस एंट्रेंस पर जो है लाइट की व्यवस्था नही थी। चूंकि मौसम विभाग ने जो है एडवाइजरी पहले ही जारी की थी कि इस तरह का जो है नेचुरल …. हो सकती है। स्ट्राम आ सकता है। उसको इग्नोर करते हुए इन्होंने एग्जाम कंडक्ट करवाई और लाइट की व्यवस्था नही होने की वजह बच्चों को तीन घंटे की जो एग्जाम थी उसमें करीब एक से ड़ेढ घंटे- दो घंटे तक कई सेंटर्स पर जो है लाइट नही थी। उससे परेशान होकर बच्चों ने फिर जो है रिप्रजेंटेशन दिया एनटीए को और रिएग्जामिनेशन कंडक्ट करवाने के लिए भी निवेदन किया।
उसके बाद में फिर हम लोगों ने जो है हाई कोर्ट में जो है पेटीसन दायर किया बच्चों की तरफ से और कुछ बच्चों के माता पिता की तरफ से कि हमारी जो है या तो रिएग्जामिनेशन कंडक्ट की जाए और या फिर हमको कोई अल्टरनेट जो है रेमेडी प्रोवाइड कि जाए जिससे हमारा फेयर असेसमेंट हो सके। माननीय न्यायालय ने विषय को गंभीरता से लेते हुए सभी को पक्षकारों को जो है उसमें नोटिस जारी करे और नोटिस जारी कर के उनसे चार सप्ताह में समय मांगा है। और जबतक उनकी तरफ से जो नेक्स्ट हियरिंग तक जो है रिप्लाई नही आता है। तब तक माननीय उच्च न्यायालय ने जो है नीट के रिजल्टस पर जो है स्टे ग्रांट किया है।”