Delhi: दिल्ली में 16 मई 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, वजीरपुर में AQI 419, मुंडका में 406, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) क्षेत्र में 365 और आनंद विहार में 362 दर्ज किया गया।
इस वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में पश्चिमी राजस्थान से आई धूल भरी हवाएँ शामिल हैं, जो 14 से 15 मई की रात को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आईं। इन हवाओं की गति 30-40 किमी/घंटा तक थी, जिससे दृश्यता 1,200 मीटर तक कम हो गई और हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप, AQI ‘मध्यम’ श्रेणी से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँच गया।
हालांकि, आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज I को लागू नहीं किया है, क्योंकि यह घटना अस्थायी मानी गई है और स्थिति में सुधार की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी दिनों में हल्की बारिश और हवाएँ चलने की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना मानसून से पहले धूल भरी आंधियों का प्राकृतिक हिस्सा है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए पूर्वानुमान और सार्वजनिक चेतावनियाँ महत्वपूर्ण हैं।