Howrah Division Shatabdi: पश्चिम बंगाल के हावड़ा डिवीजन ने 2025 में अपनी शताब्दी वर्षगांठ मनाई, जो भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हावड़ा डिवीजन, जो 1925 में आधिकारिक रूप से स्थापित हुआ था, भारतीय रेलवे के सबसे पुराने और सबसे व्यस्त डिवीजनों में से एक है। इसकी शुरुआत 1854 में हुई थी, जब पहली ट्रेन हावड़ा से होगली के लिए चली थी। आज, हावड़ा स्टेशन 24 प्लेटफॉर्मों के साथ प्रतिदिन 1.1 मिलियन से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान करता है।
शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में, हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को विशेष रूप से सजाया गया था। इंजन पर हावड़ा ब्रिज और ऐतिहासिक हावड़ा स्टेशन की जीवंत कलाकृतियाँ लगाई गई थीं, जो डिवीजन के समृद्ध इतिहास और विकास को दर्शाती हैं। डिविजनल रेलवे मैनेजर संजीव कुमार ने कहा, “इसका उद्देश्य यही है कि ये ट्रेन जहां-जहां जाए रेल में जो यात्रीगण हमारे चलते हैं उनके दिखे कि हावड़ा डिवीजन ने अपने सौ साल पूरे किए हैं और इसी इंजन पर हमने अपनी पुरानी तस्वीरें लगाई हैं। इससे ये पता चले कि कहां से कहां हावड़ा डिवीजन आया है। यही एक संदेश है।”
इसके अतिरिक्त, हावड़ा डिवीजन ने कई प्रमुख बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं की घोषणा की है, जिनमें बंडेल स्टेशन पर एक नया कोचिंग डिपो स्थापित करना, हावड़ा यार्ड का पुनर्निर्माण, और हावड़ा रेलवे अस्पताल में सीटी स्कैन सुविधा की स्थापना शामिल हैं । ये प्रयास यात्री अनुभव को बेहतर बनाने और डिवीजन की क्षमता बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं। हावड़ा डिवीजन की शताब्दी वर्षगांठ न केवल रेलवे के इतिहास का सम्मान है, बल्कि यह भारतीय रेलवे की निरंतर प्रगति और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।