RSS: आरएसएस से जुड़े संगठन ने की तुर्किये पर प्रतिबंध लगाने की मांग

RSS:  राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने पाकिस्तान के साथ तुर्किये के ‘‘नापाक गठबंधन’’ के कारण सरकार से उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने, उसके साथ नागरिक उड्डयन संपर्क निलंबित करने, वहां के लिए पर्यटन को कमतर करने और राजनयिक संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया।

एसजेएम ने भारत के लोगों से तुर्किये की यात्रा नहीं करने और देश के सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए और राष्ट्र हित में वहां के उत्पादों का बहिष्कार करने की भी अपील की। एसजेएम ने ये अपील भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष चलने के बाद बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में की है। इस संघर्ष में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तुर्किये के ड्रोनों का इस्तेमाल किया था।

एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा, “ये जानकर आश्चर्य होता है कि चीन के बाद पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति करने वाले दूसरे सबसे बड़े देश तुर्किए ने पाकिस्तान की नौसेना के आधुनिकीकरण और उसकी हवाई युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” बयान में कहा गया, “ये रक्षा सहयोग केवल व्यावसायिक नहीं है, यह वैचारिक है जिसका लक्ष्य दक्षिण एशिया की स्थिरता को निशाना बनाना और पाकिस्तान के सैन्य दुस्साहस को बढ़ावा देना है।’’ उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के इस ‘‘नापाक गठबंधन” की एसजेएम निंदा करता है।

महाजन ने कहा, “स्वदेशी जागरण मंच परस्पर सम्मान और संप्रभुता पर आधारित शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सिफारिश करता है कि भारत सरकार तुर्किये पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए, नागरिक विमानन संपर्क निलंबित करे, उस देश के लिए पर्यटन को हतोत्साहित करे तथा तुर्की के साथ राजनयिक संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करे।”

उन्होंने कहा, “तुर्किए में फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू करने वाले शुरुआती देशों में से एक था। उसने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सेना की चिकित्सा टीम, फील्ड अस्पताल और चिकित्सा आपूर्ति, जनरेटर, टेंट और कंबल सहित 100 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी थी।”

महाजन ने कहा, “ऐसा लगता है कि तुर्किए भारत की उदार और मानवीय सहायता को भूल गया है। एकजुटता और सद्भावना की इन पहलों के बावजूद तुर्किये ने राष्ट्रीय सुरक्षा हित के मामलों में भारत के विरोधियों का साथ देना चुना है। उन्होंने कहा, “विश्वासघात के इस मामले से नैतिक स्पष्टता और रणनीतिक दृढ़ता से निपटा जाना चाहिए। महाजन ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि तुर्किये ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा तक नहीं की।

स्वदेशी जागरण मंच राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि “स्वदेशी जागरण मंच ने आज ही एक प्रेस रीलीज जारी करके भारत सरकार से ये मांग की है कि तर्की (तुर्किये) पर विभिन्न प्रकार के आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाए। एक तो तुर्की (तुर्किये) से जो सामान हम खरीदते हैं उसको बंद किया जाए। कई प्रकार के हैं, संगमरमर है, कुछ अन्य कई प्रकार के मशीनरी इत्यादि के उत्पाद हैं जो हम वहां से आयात करते हैं उसको बंद किया जाए। और विभिन्न प्रकार के आर्थिक प्रतिबंध लगाते हुए और अपने भारतीयों को भी एडवाइजरी जारी करें कि तुर्की (तुर्किये) में जाना ठीक नहीं है और देश भर की जनता से भी ये आग्रह कर रहें हैं कि तुर्की (तुर्किये) के टूरिज्म सेक्टर को प्रभावित करने के लिए भी हमें उसका बहिस्कार करना चाहिए। लोगों से भी ये निवेदन किया गया है कि तुर्की (तुर्किये) के साजो सामान का वो बहिष्कार करें।”

 

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