Adi Kailash Yatra: उत्तराखंड में आदि कैलाश यात्रा के लिए 20 श्रद्धालुओं का एक जत्था हल्द्वानी से रवाना हुआ, कुमाऊं मंडल विकास निगम ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष बसों का इंतजाम किया था।
कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक विजय नाथ शुक्ला ने बताया कि “आदि कैलाश यात्रा का पहला दल आज जो रवाना हुआ है जिसका औपचारिक स्वागत हमारे एमडी केएमडीएम महोदय द्वारा भीमताल में किया जाएगा। जो हमारा पहला पड़ाव है उसमें प्रथम दल में बीस यात्री हैं।”
आठ दिन की यात्रा के दौरान श्रद्धालु पवित्र आदि कैलाश पर्वत तक पहुंचने से पहले भीमताल, जागेश्वर और पिथौरागढ़ सहित कई जगहों पर जाएंगे। श्रद्धालुओ का कहना है कि “आदि कैलाश और ओम पर्वत की पहली यात्रा शुरू हो रही है। पहला ग्रुप हम लोग का है तो एक इच्छा थी मन में कैलाश पर्वत से पहले आदि कैलाश के दर्शन लें तो वो ज्यादा सही रहेगा।”
“पूछने की बात नही है, बहुत एक्साइटेड हैं तभी तो। एक्चुली लॉस्ट ईयर भी बुकिंग करी थी लेकिन टूर गया नही। तो एक साल वेट करने के बाद मैंने अगेन फिर फर्स्ट ग्रुप लिया ताकि कैंसल न हो। तो ये मेरा एक्साइमेंट देख सकते हैं आप कितना है, आई एम वेरी एक्साइटेड। बहुत ज्यादा उत्साहित हैं कि कब वहां तक पहुंचेंगे। बस वही राह देख रहें हैं।”
आदि कैलाश को छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है, ये भारत-चीन सीमा के करीब उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित एक पूजनीय पर्वत है। इसे भगवान शिव से जुड़ी पांच चोटियों में से एक माना जाता है, मान्यता है कि ये कैलाश पर्वत की तरह ही उनके सांसारिक निवासों में से एक है।