Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में पहलगाम हमले के बाद से रेस्तरां और होटल के कमरे खाली पड़े हैं। कुछ दिनों पहले तक पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से गुलजार रहने वाले राजौरी में अब सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यस्त मुगल रोड कश्मीर घाटी जाने वाले लोगों का पसंदीदा रास्ता है। इसके किनारे पर बने इन होटल और रेस्तरां में कुछ वक्त ठहरकर लोग अपनी मंजिल की ओर बढ़ते थे लेकिन अब ये वीरान पड़े हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सीमा पार से गोलीबारी के बाद यहां लोगों के आने का सिलसिला थम गया है। इसकी वजह से इलाके के आतिथ्य उद्योग को अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है।
होटल मालिकों का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पर्यटन पर असर पड़ने लगा था। लेकिन अब सीमा पार से गोलाबारी शुरू होने से हालात और खराब हो गए हैं। इलाके में कारोबार दोबारा शुरू हो चुका है लेकिन आतिथ्य क्षेत्र मुश्किलों से घिरा दिख रहा है। एक ओर पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है तो वहीं दूसरी तरह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह से बड़ी संख्या में कर्मचारी काम छोड़कर चले गए हैं। सैन्य कार्रवाई थमने के साथ होटल कारोबारी उम्मीद लगाए हैं कि इलाके में रौनक दोबारा लौटेगी और लोग बड़ी संख्या में इलाके का रुख करेंगे। उनके मुताबिक शांति कायम होने से संघर्ष के दौरान हुए भारी नुकसान से उनके व्यवसायों को उबरने में मदद मिलेगी।
होटल स्टाफ का कहना था, “पिछले दिनों में जो वारदात हुई, शेलिंग्स हुई। बोथ साइड से हुआ। पहले वहां से शेलिंग हुई, उसके कारण। लोग इतने घबड़ाए हुए हैं, डरे हुए हैं, तो वो यहां से मैक्सिमम, अभी तो मार्केट यहां दोबारा से रिज्यूम हुई है, लेकिन पहले यहां से निकल चुके थे और 22 से कोई भी लोग अभी यहां पे आ नहीं रहा। तो हमारा जो इंडस्ट्री है, होटल इंडस्ट्री है, वो इस कारण बहुत सफर कर रहा है। और जो हमारे पास स्टाफ था, वो 50 परसेंट स्टाफ था, वेस्ट बंगाल से था, लेकिन वो सारा स्टाफ अभी जो है, जा चुका है वापस। हमारे पास 25 परसेंट स्टाफ अभी जो इधर है, हम काम चला रहे हैं। इसके कारण इंडस्ट्री जो है, बहुत सफर कर रही है।”