Rohit Sharma: रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से क्यों लिया संन्यास

Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण अध्याय का खत्म होना है। रोहित के संन्यास लेने के अहम फैक्टर भले ही उम्र और वर्कलोड दिख रहे हों लेकिन गहन विश्लेषण से पता चलता है कि उनके फैसले की वजह सिर्फ इतनी ही नहीं है।

विदेशी जमीन पर लगातार खराब प्रदर्शन भी इसकी एक वजह दिखती है। रोहित का सेना देशों यानी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिय में हालिया प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। ऑस्ट्रेलिया में उनका औसत 27.80 रहा, जबकि दक्षिण अफ्रीका में उनका औसत 16.63 रहा। हालांकि इंग्लैंड में 40.30 और न्यूज़ीलैंड में 40.66 के औसत के साथ उनका प्रदर्शन भले ही बेहतर दिखता हो लेकिन विदेशी जमीन पर कुल मिलाकर उनका प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा ही रहा।

2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रोहित ने पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बनाए। उनका औसत महज 6.20 रहा। ये टेस्ट क्रिकेट में विदेशी जमीन पर उनके खराब प्रदर्शन की एक बानगी है।

अपने खराब फॉर्म की वजह से ही रोहित ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सिडनी टेस्ट में न खेलने का फैसला किया था। उन्होंने खुलासा किया था कि उनके इस फैसले में टीम मैनेजमेंट का साथ शामिल नहीं था और इसे लेकर टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर से उनके मतभेद भी हो गए थे। रोहित का मानना ​​था कि टीम के हित में हटना बेहतर था, जिससे बेहतर फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी को उनकी जगह लेने का मौका मिल सके।

रोहित शर्मा के फैसले को नेतृत्व में बदलाव के बीच रणनैतिक संन्यास वाला कदम भी माना जा रहा है। खबरों के मुताबिक चयनकर्ता इंग्लैंड सीरीज से पहले नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहे थे, जिसमें रोहित को टेस्ट कप्तान के रूप में बदलना शामिल था। अपने संन्यास की घोषणा करके, रोहित ने संभावित बर्खास्तगी को रोक दिया, जिससे उनकी खुद की शर्तों पर सम्मानजनक विदाई सुनिश्चित
हुई।

रोहित के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की वजह उनकी उम्र, फिजिकल मूवमेंट और वनडे क्रिकेट पर उनके ज्यादा फोकस को भी माना जा रहा है। रोहित 37 साल के हो चुके हैं और वो कुछ वक्त पहले तक तीनों फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाल रहे थे। टेस्ट क्रिकेट में पांच दिनों तक हर खिलाड़ी की मानसिक और शारीरिक फिटनेस का टेस्ट होता है।

ऐसे में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना रोहित का रणनैतिक कदम हो सकता है क्योंकि उनका फोकस अब वनडे क्रिकेट पर है और वे अपना पूरा दमखम इसी फॉर्मेट में लगाना चाहते हैं। 2027 में वनडे विश्व कप होना है और वे उस ट्रॉफी को हाथों में उठाने की ख्वाहिश जरूर रखते होंगे।

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