Operation Sindoor: टी-55 टैंक, जिसका दूसरा नाम ‘भीम’ है, ने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 के युद्धों में अहम भूमिका निभाई थी। देश में कई जगहों की तरह अयोध्या में भी सोवियत निर्मित मुख्य युद्धक टैंकों में से एक रखा गया है, जो युद्धों में भारत की जीत का प्रतीक है। अयोध्या में इसे साकेत महाविद्यालय में स्थापित किया गया है, जिससे विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना जागृत हो। यह टैंक रूस द्वारा निर्मित है और भारतीय सेना में 1958 से 2011 तक सेवा में रहा।
जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों को बधाई दी, तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने टैंक की पूजा की। राष्ट्रीय तिरंगे को भी सलामी दी गई और संत ने सरकार से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने की अपील की। संत आचार्य महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि पाकिस्तान को PoK से बाहर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब देना आवश्यक है, ताकि वह अपनी नापाक गतिविधियों से बाज आए।”
संत आचार्य जगद्गुरु परमहंस ने कहा, “मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की ये पावन जन्मभूमि अयोध्या में, साकेत महाविद्यालय में जो कारगिल विजय के समय जो हथियारों का प्रयोग हुआ था, उसमें से टी55 भीम टैंक यहां रखा गया है। भारत की सेना ने जो पलटवार किया है पाकिस्तान में, जो नौ आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया है, आज पूरे देश में खुशी है उसको लेकर के आज टी55 भीम टैंक का हमने पूजन किया और तिरंगे का पूजन करके हमने सैल्यूट किया है और पूरा देश भारत की सेना के साथ है।”