Madhya Pradesh: इंदौर में मनाई गई एक कुत्ते की तेरहवीं, सड़क पर रहता था

Madhya Pradesh: उसके पास छत नहीं थी, कोई औपचारिक नाम नहीं था, ना कोई उसका मालिक था। फिर भी वो सैकड़ों दिलों पर राज करता था। वो मध्य प्रदेश में इंदौर के विजय नगर के लोगों का चहेता था।सड़क को ही अपना घर बनाने वाले इस भरोसेमंद कुत्ते को लोग प्यार से कालू बुलाते थे। कालू नहीं रहा। लोगों को भारी दुख पहुंचा। कालू को सम्मान देने के लिए उन्होंने अनूठा फैसला किया और उनकी तेरहवीं मनाई, जो अमूमन इंसानों के लिए मनाई जाती है।

दूध, रोटी, पनीर, जलेबी, पेडिग्री, दही और छाछ कालू के पसंदीदा थे। तेरहवीं की दावत में सबकुछ परोसा गया। कालू लगभग 15 साल तक मोहल्ले की रखवाली करता रहा। कई लोगों के लिए सड़क पर चलते-फिरते अभिभावक की भूमिका निभाता रहा। लोगों ने बताया कि कुत्ते बेशक बोल नहीं पाते, लेकिन समझते सबकुछ हैं। जब वो छोड़ कर चले जाते हैं तो दिल के टुकड़े-टुकड़े कर डालते हैं। कालू हर परिवार का ख्याल रखता था और बदमाशों को खदेड़ भगाता था। यही वजह थी कि उसे हर किसी से प्यार और सम्मान मिलता रहा।

विजेंदर यादव ने कहा, “ये स्ट्रीट डॉग था कालू।उसकी मृत्यु के तेरहवीं का कार्यक्रम है। जो यहीं रहता था बारह-पंद्रह साल से यहीं पैदा हुआ था और बहुत अच्छा कुत्ता था। यहां मतलब व्यापारीगण गली मोहल्ला, सबको लगाव भी था। रात में चौकीदारी का काम भी बहुत अच्छे तरीके से करता था। तो उसकी मृत्यु 23 तारीख को हो गई थी उसके उपलक्ष्य में ये तेरहवीं का कार्यक्रम का आयोजन रखा गया जिसमें स्ट्रीट डॉग और घर के पालतू कुत्तों का , बारह-पंद्रह कुत्तों का भोजन है।”

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