New Delhi: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने सीएम रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद से मुलाकात की और निजी स्कूलों में फीस को विनियमित करने वाले विधेयक के लिए उनका आभार जताया। दिल्ली कैबिनेट ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी निजी स्कूलों में फीस को विनियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें उचित मंजूरी के बिना किसी भी बढ़ोतरी के लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
बैठक के बाद सीएम ने कहा, “आज दिल्ली के अलग अलग स्कूलों से आए हुए पेरेंट्स जिन्होंने आज सरकार का धन्यवाद देने के लिए यहां पधारे उनकी भावनाओं को मैं समझ पा रहीं हूं। जिस तरीके से लगातार इतने सालों से दिल्ली के पेरेंट्स के साथ में अन्याय होे रहा था। स्कूल यदि फीस बढ़ा देते तो सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती थी। और कोई ऐसा नियम कायदा कानून ही सरकार के पास नहीं था जिसके माध्यम से इस पूरे फीस स्ट्रक्चर को रेगुलेट किया जा सके। अपने इस दो साल, दो महीने के छोटे से कार्यकाल में सरकार ने नियम ले के आई।ये एक्ट बनाया। इस एक्ट के माध्यम से दिल्ली के सभी 1677 स्कूल, उन सबका फीस रेगुलेट हो पाएगा ट्रांसपैरेंट तरीके से”
इस बीच, एक अभिभावक ने पिछली आप सरकार पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि “आपको जान के हैरानी होगी हमने कम से कम जो है वो बीस से पच्चीस रिप्रजेंटेशन दिए और उसके ऊपर कभी एक्शन नहीं हुआ। हम ना जाने कितनी बार गए क्नाक किया हमने पिछली सरकार के दरवाजों पर। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। बट, यह आपको पूरी तरह से पता है कि पूर्व शिक्षा मंत्री और हमारे पूर्व मुख्यमंत्री जी के पास हम कितनी बार गए। बट हमें कभी भी मिलने का मौका नहीं मिला।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि “आज दिल्ली के अलग अलग स्कूलों से आए हुए पेरेंट्स जिन्होंने आज सरकार का धन्यवाद देने के लिए यहां पधारे उनकी भावनाओं को मैं समझ पा रहीं हूं। जिस तरीके से लगातार इतने सालों से दिल्ली के पेरेंट्स के साथ में अन्याय हो रहा था। स्कूल यदि फीस बढ़ा देते तो सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती थी। और कोई ऐसा नियम कायदा कानून ही सरकार के पास नहीं था जिसके माध्यम से इस पूरे फीस स्ट्रक्चर को रेगुलेट किया जा सके। अपने इस दो साल, दो महीने के छोटे से कार्यकाल में सरकार ने नियम ले के आई।ये एक्ट बनाया। इस एक्ट के माध्यम से दिल्ली के सभी 1677 स्कूल, उन सबका फीस रेगुलेट हो पाएगा ट्रांसपैरेंट तरीके से”
अभिभावकों ने कहा कि “आपको जान के हैरानी होगी हमने कम से कम जो है वो बीस से पच्चीस रिप्रजेंटेशन दिए और उसके ऊपर कभी एक्शन नहीं हुआ। हम न जाने कितनी बार गए क्नाक किया हमने पिछली सरकार के दरवाजों पर। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। बट, ये आपको पूरी तरह से पता है कि पूर्व शिक्षा मंत्री और हमारे पूर्व मुख्यमंत्री जी के पास हम कितनी बार गए। बट हमें कभी भी मिलने का मौका नहीं मिला।”