Pahalgam fallout: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के विरोध में जम्मू के थोक व्यापारियों ने काम बंद रखा। उन्होंने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते पूरी तरह खत्म करने की मांग की। कुछ दिन पहले ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 बेगुनाह मारे गए थे। विरोध प्रदर्शन में सरकार के एक मंत्री भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरा देश एक साथ है।
पहलगाम हमले के अगले दिन, यानी 23 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाने का ऐलान किया था। इनमें सिंधु नदी समझौता रद्द करना, अटारी सीमा बंद करना और राजनयिक रिश्तों में कटौती शामिल थे। जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए हवाई सीमा बंद कर दी थी। जम्मू के व्यापारियों का कहना है कि व्यापार से ज्यादा प्रमुखता राष्ट्रीय सुरक्षा को देनी चाहिए।
राज्य कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा ने कहा, “हमारा दुश्मन मुल्क है, सिर्फ एक देश नहीं। वो हमारे देश और यहां की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। उसमें लगे हुए हैं, लेकिन हमें करारा जवाब देना है। हमें युनाइटेड, एक साथ बैठ कर सारी स्टेट गवर्मेंट्स, गवर्मेंट ऑफ इंडिया, बैठ कर फैसला करेंगे, जो भी फैसला हो, देश पहले हो।
फेडरेशन ऑफ वेयरहाउस ट्रेडर्स के पूर्व महासचिव श्याम लंगर ने कहा, “हमें कोई जरूरत नहीं है पाकिस्तान के माल की। उल्टा वो हमारे से लेते थे। हमारे यहां जो चीज 10 रुपये की, वहां 40 रुपये बिकती थी। और आज भी जो है हमारे पास टमाटर जो है, वो 30 रुपये किलो है, वहां पर 300 रुपये किलो है। आटा है। आटा हमारे यहां 30 रुपये किलो है। वहां पर 300 रुपये है। वहां हर चीज महंगी है। उल्टा उनको असर पड़ेगा हमारे साथ जो दुश्मनी निभाने का, जो उन्होंने हमसे दुश्मनी मोल ली है।”
“देखो, मैं समझता हूं, LoC ट्रेड जब शुरू हुआ, जम्मू कश्मीर में, पाकिस्तान की मंशा यही रही। उन्होंने उसपर ड्रग्स भेजे, हथियार भेजे। मैं समझता हूं पाकिस्तान जब से बना हुआ है, वो हिंदुस्तान के अंदर ड्रग्स और मिलिटेंसी भेज रहा है। मैं पूरे विश्व के व्यापारियों और लोगों से अपील करूंगा, पाकिस्तान से व्यापार पूरी तरह बंद होना चाहिए।”