Punjab: पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने का निर्देश जारी कर दिया है। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए लौटने की अंतिम तारीख 29 अप्रैल थी। इसके गुजरने के बाद भी 30 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर पर लौटने वालों की लाइन लगी नजर आई। इनमें से कुछ ऐसे थे जो कुछ दिन पहले ही भारत में अपने रिश्तेदारों के यहां आए थे। ऐसा नहीं है कि पहलगाम हमले के बाद दिक्कत केवल पाकिस्तानी नागरिकों को ही हो रही जिन भारतीय नागरिकों ने पाकिस्तान में शादी की है, उन्हें पाकिस्तान जाने नहीं दिया जा रहा है।
इन लोगों का कहना है कि आतंकियों की गलती की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है। अटारी वाघा बॉर्डर पर कश्मीर से भी एक ऐसा परिवार आया जिसकी कहानी बहुत भावुक कर देती है। एक बुजुर्ग महिला को तकरीबन 40 साल बाद पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है। बारामूला में करीब चार दशक बिता चुकीं परवीन को सरकारी नियमों की वजह से अपने पति और बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान जाना पड़ रहा है। परवीन के पति गुलाम रसूल हैं। परवीन के अलग होने से वे भी काफी परेशान नजर आए।
परवीन की बहू हुसाला पाकिस्तानी नागरिक हैं। परवीन के साथ उन्हें भी पाकिस्तान जाना पड़ रहा है। वे भी सरकारी नियमों से खफा नजर आईं। जम्मू-कश्मीर के उरी में 17 साल से रह रहे ओसामा को भी पाकिस्तान भेजा जा रहा है। ओसामा का कहना है कि उनकी पढ़ाई भारत में हो रही है, जून में उनके एग्जाम भी होने हैं, फिर भी उन्हें पाकिस्तान जाने पर मजबूर किया जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को ‘भारत छोड़ने’ की गाइडलाइंस जारी कर दी है। सार्क वीजा रखने वालों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी। मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए यह समय सीमा 29 अप्रैल थी। दोनों कैटेगरी की अंतिम तारीख गुजर चुकी हैं लेकिन कुछ लोगों की दुश्वारियां इतनी ज्यादा हैं, उनकी आपबीती सुनकर हर कोई भावुक हो जाता है।