Rajasthan: राजस्थान के अलवर जिले में सिलीसेढ़ झील के आसपास बसे दो गांवों में पिछले चार दिन में संदिग्ध कारणों से छह लोग की मौत के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने आरोप लगाया है कि ये मौतें जहरीली शराब के कारण हुई हैं, लेकिन प्रशासन ने जहरीली शराब के कारण मौतों की संभावना से इनकार किया है। अलवर की DM अर्तिका शुक्ला ने बताया कि उन्हें बुधवार को दो गांवों में संदिग्ध कारणों से सात-आठ लोगों की मौत की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक टीम गांवों में भेजी गई है। उन्होंने बताया कि छह लोगों की मौत हुई है और उनमें से तीन का शराब से कोई संबंध नहीं था।
DM ने कहा, “मृतकों में से एक के परिवार के सदस्यों ने हमारी टीम को बताया कि खेत में कीटनाशक के छिड़काव के बाद वह बीमार पड़ गया था। वहीं मरने वाला दूसरा व्यक्ति हाई बीपी से पीड़ित था जबकि तीसरे व्यक्ति के परिवार ने बताया कि वह अस्थमा का मरीज था।” DM ने बताया कि पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण मौत का सही कारण नहीं बताया जा सकता। बाकी तीन लोगों की मौत शराब के नशे में हुई थी, लेकिन बीमार होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें अस्पताल नहीं ले गए। अलवर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने बताया कि लीवर खराब होने या हाई बीपी मौत का संभावित कारण हो सकता है।
DM ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच के लिए टीम गठित की गई है और पुलिस अवैध शराब के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। अलवर एसपी संजीव नैन ने बताया कि अवैध शराब समेत सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि शुरुआती जांच के अनुसार मौत के कारण अलग-अलग हैं। अभी तक शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि सुरेश बाल्मीकि (45) की मौत, रामकिशोर (47) और रामकुमार (39) की मौत रविवार को जबकि लालाराम (60), भरत (40) और ओमी (65) की मौत सोमवार को हुई।
मृतक रामकुमार के पिता बालकिशन ने बताया कि उनका बेटा देसी शराब की बोतल पीकर घर आया था। उन्होंने अलवर में कहा कि “कुछ समय बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।” इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि बीजेपी के शासन में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार इस मुद्दे पर आंखें मूंदे बैठी है। सरकार सच्चाई और अलवर में हुई मौतों के आंकड़ों को छिपाने की कोशिश कर रही है।”