Pahalgam attack: केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीन अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सूत्रों ने बताया कि ये बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उपजे तनाव भरे माहौल में हुई। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशक ब्रिघु श्रीनिवासन और असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा शामिल हुए।
बैठक में सशस्त्र सीमा बल की अतिरिक्त महानिदेशक अनुपमा नीलेकर चंद्रा भी शामिल थीं। बैठक में क्या हुआ, यह तुरंत पता नहीं चल पाया है। बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती है। एसएसबी नेपाल और बांग्लादेश के साथ सीमाओं की सुरक्षा करती है। असम राइफल्स म्यांमार के साथ सीमा की सुरक्षा करती है और एनएसजी आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता रखने वाला कमांडो बल है।
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का फैसला किया और कहा कि पाकिस्तान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया है।सीसीएस ने ये भी फैसला किया कि दीर्घकालिक वीजा और राजनयिक तथा आधिकारिक वीजा रखने वालों को छोड़कर सभी पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ देना चाहिए।
सीसीएस के फैसले के बाद 25 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन करके यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी देश छोड़ने की तय समय सीमा से आगे भारत में न रहे। केंद्रीय गृह सचिव ने भी बाद में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह तय करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द किया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को कहा कि भारत पहलगाम नरसंहार में शामिल प्रत्येक आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें दंडित करेगा और हत्यारों का पीछा “दुनिया के अंत तक” करेगा, इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमले तेज कर दिए हैं।
24 अप्रैल को यहां आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने आतंकवाद और आतंकी शिविरों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की अपील की और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया।