Uttarakhand: अक्षय तृतीया पर यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले जाएंगे

Uttarakhand: उत्तराखंड के पवित्र हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ इस वर्ष 1 मई को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर हो गया। इस दिन देवभूमि के दो प्रमुख तीर्थस्थलों – यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु विधिवत पूजा-अर्चना के बाद खोल दिए गए। इस ऐतिहासिक आयोजन की उपस्थिति में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, और पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल छा गया। गंगोत्री में मां गंगा की पूजा और यमुनोत्री में मां यमुना की पूजा के साथ ही यात्रा का आधिकारिक श्रीगणेश हो गया। पारंपरिक वाद्ययंत्रों, वैदिक मंत्रोच्चार और फूलों की वर्षा के बीच कपाट खोले गए, जिससे पूरे क्षेत्र में अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।

इस बीच, केदारनाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है, वहाँ की यात्रा की भी तैयारी ज़ोरों पर है। केदारनाथ के कपाट इस वर्ष 2 मई को खोले जाएंगे। इसके पूर्व एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान के तहत भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ स्थित शीतकालीन निवास से श्रद्धालुओं और पुजारियों की उपस्थिति में फूलों से सजी पालकी में विराजमान कर गढ़वाल हिमालय की ओर रवाना किया गया। यह प्रक्रिया पारंपरिक रूप से हर वर्ष सर्दियों के बाद मंदिर के कपाट खुलने से पहले संपन्न की जाती है। चारधामों में चौथा और अंतिम धाम बद्रीनाथ है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर के कपाट बुधवार, 8 मई 2025 को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसके साथ ही चारों धाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – पूरी तरह से दर्शन हेतु उपलब्ध होंगे।

उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक तैयारियाँ की हैं। रास्तों की मरम्मत, स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना, मोबाइल नेटवर्क की व्यवस्था और ऑनलाइन पंजीकरण जैसे कदमों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को यात्रा में कोई कठिनाई न हो। इस बार यात्रा के लिए ई-पास की व्यवस्था भी की गई है, ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके। चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है। मान्यता है कि इन धामों की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के पापों का प्रायश्चित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *