CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी के शासन काल में वनटांगिया समुदाय मुख्यधारा में शामिल

CM Yogi: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आठ सालों में कई ऐसे बदलाव हुए जिन्होंने समाज के सबसे वंचित वर्ग को भी मुख्यधारा से जोड़ा। एक बड़ा उदाहरण हैं वनटांगिया समुदाय, जो कभी जंगलों में पहचान और सुविधा से वंचित थे। स्थानीय निवासी राम गणेश ने कहा कि “2007 में सांसद बनकर के योगी आदित्यनाथ जी हिंदू विद्यापीठ का स्कूल था, यहां पर निर्माण कराए। बच्चे में किताब, कॉपी, बैग, जूता, मोजा, भूजा, बताशा खुद देते थे।”

सीएम योगी ने इनकी आवाज सबसे पहले संसद में उठाई और 2017 में मुख्यमंत्री बनते ही वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया, इसके बाद इनके जीवन में बदलाव की शुरुआत हुई।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “पिछले 19-20 वर्षों से मुझे इस वनटांगिया क्षेत्र में आने का अवसर प्राप्त होता है। संघर्ष सकरात्मक भाव के साथ किया गया संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता है और जो संघर्ष वनटांगिया के लिए हुआ था, वो सार्थक हुआ है और हमें प्रसन्नता और तब होती है जब मैं यहां के वनटांगिया गांवों में भी यहां के गरीबों के पक्के मकान देखता हूं।”

पहले जिनके पास कोई पहचान तक नहीं थी, आज उनके पास आधार, राशन कार्ड, निवास और जाति प्रमाणपत्र जैसे जरूरी दस्तावेज़ हैं। अब सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ इन्हें मिल रहा है। गांवों में पक्के घर हैं, शौचालय और सड़कें हैं, पीने का साफ पानी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला है और सोलर पैनलों से बिजली भी पहुंचाई जा रही है।

स्थानीय निवासी लख्मीना देवी ने बताया कि “अब हमको गैस मिल गया, हम अपन झटपट खाना बना लेते हैं। योगी और मोदी को हम धन्यवाद देते हैं।” आज वनटांगिया गांवों के बच्चे न सिर्फ स्कूल जा रहे हैं, बल्कि स्मार्ट क्लासरूम में आधुनिक तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं। इससे उन्हें बेहतर भविष्य और नए अवसरों की दुनिया से जुड़ने का मौका मिल रहा है।

कंपोजिट विद्यालय जंगल टिंकुनिया नंबर-3 प्रधानाध्यापिका रेखा सिंह ने कहा कि “क्लासरूम में हमारे सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकार ने हमें सारी व्यवस्था दी है, प्रॉपर कमरें दिए हैं, हर क्लास में डेस्क-बेंच है,ब्लैकबोर्ड है, स्मार्ट टीवी मिला हुआ है, प्रोजेक्टर है जिसके माध्यम से बच्चों को आधुनिक से लेकर हर तरीके से इनकी शिक्षा दीक्षा का कार्य चल रहा है।” इन आठ सालों में वनटांगिया गांवों ने विकास की रफ्तार पकड़ ली है। अब यहां पहचान है, अधिकार है और उजाला भी।

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