Madhya Pradesh: गांधी सागर अभयारण्य में दो दक्षिण अफ्रीकी चीतों को मिला नया घर

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में दो नए मेहमान आए हैं। ये प्रभाष और पावक नाम के दक्षिण अफ्रीकी चीतें हैं। छह साल के इन नर चीतों को 2023 में फरवरी के महीने में दक्षिण अफ्रीका से कुनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। अब इनका नया घर गांधी सागर अभयारण्य है, जो नीमच और मंदसौर जिलों में फैला हुआ है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में इन्हें रविवार को अभयारण्य भेजा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से चार और चीतों को लाए जाने का प्लान है। बाद में इन्हें गांधी सागर अभयारण्य में ही शिफ्ट किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि अनुकूल माहौल की वजह चीते जल्दी ही नए आवास में ढल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

साल 2022 में कुनो नेशनल पार्क में आठ नामीबियाई चीतों को लाया गया था। इनमें पांच मादा और तीन नर थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से बारह और चीतों को कूनो में शिफ्ट किया गया। कुनो नेशनल पार्क में अभी 24 चीते हैं। इनमें 14 भारत में जन्मे शावक हैं और दो को अब गांधी सागर अभयारण्य में भेज दिया गया है।

मध्य प्रदेश के CM डॉ. मोहन यादव ने कहा, “गांधी सागर में आज एक नया इतिहास रचा गया है। चीता पुनर्वास की दृष्टि से गांधी सागर अभ्यारण्य में आज दो प्रभाष और पावक दो चीतों को छोड़कर के इस चीता अभ्यारण्य को जीवित करने का प्रयास हुआ है। मेरी अपनी ओर से देशवासियों को बधाई।”

मुख्य वन्यजीव वार्डन शुभरंजन सेन ने कहा, “चीता एडेप्ट कर सकता है उसको जो-जो चीज चाहिए चीता को शिकार चाहिए तो वो अगर एरिया है तो उसी हिसाब से वो रह सकता है तो जहां से आएगा अभी बात हो रहा है कि बोत्सवाना से आएगा वो भी खुले जंगल वाला एरिया है और मैं बोला कि स्टडी हुआ है, शोध हुआ है कि कहां-कहां उपयुक्त स्थल है तो वो सारे स्थल उपयु्क्त हैं चीता के लिए, नोरादेवी है, हमारे यहां कूनो भी था और अब ये भी है।”

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