Ramnagar: रामनगर की आबादी वाले क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लोगों के बीच दहशत का माहौल था, जब एक बाघ कई बार रिहायशी इलाकों में देखा गया। इस बाघ की उपस्थिति ने न केवल स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि स्कूली बच्चों और किसानों में भी भय का माहौल बना दिया था। वन विभाग की टीम लगातार बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी और आखिरकार 21 अप्रैल सुबह उसे सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर लिया गया। बाघ को बेहोश करने के लिए वन विभाग की विशेष टीम ने एक सुनियोजित योजना के तहत ऑपरेशन चलाया।
वन क्षेत्राधिकारी राजेश बिष्ट ने बताया कि, “बाघ संभवत जंगल से भटक कर आबादी में आ गया था। हमारी प्राथमिकता थी कि उसे बिना किसी नुकसान के सुरक्षित पकड़ा जाए। ट्रेंकुलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी सावधानी के साथ की गई और अब बाघ को रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया जा रहा है।” स्थानीय निवासी सुनीता देवी ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “अब बच्चों को स्कूल भेजने में डर नहीं लगेगा। हम वन विभाग के इस साहसिक कार्य के लिए आभारी हैं।”
यह बाघ, अनुमानत 5 से 6 वर्ष का नर बाघ है, जो पिछले एक सप्ताह से आबादी के आसपास मंडरा रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बाघ शिकार की तलाश में जंगल से बाहर आया हो सकता है। वन विभाग अब यह मूल्यांकन कर रहा है कि उसे वापस जंगल में छोड़ा जाएगा या किसी सुरक्षित अभयारण्य में शिफ्ट किया जाएगा। ऑपरेशन में ड्रोन, ट्रैप कैमरा और ट्रेंकुलाइज गन का इस्तेमाल किया गया। किसी भी व्यक्ति या बाघ को कोई चोट नहीं आई। वन विभाग की तत्परता और सूझबूझ के चलते एक बड़ी दुर्घटना टल गई। बाघ को सुरक्षित पकड़े जाने से रामनगर के लोग अब चैन की सांस ले पा रहे हैं।