BRICS: भारत ने वैश्विक कृषि रणनीतियों के केंद्र में छोटे और सीमांत किसानों को रखने की वकालत की और कहा कि वे जलवायु परिवर्तन, मूल्य अस्थिरता और संसाधन की कमी की चुनौतियों का अकेले सामना नहीं कर सकते। ब्राजील में 15वीं ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब तक छोटे किसानों को संरक्षित और सशक्त नहीं किया जाता, वैश्विक खाद्य सुरक्षा लक्ष्य अधूरे रहेंगे। चौहान ने कहा, “हम इन चुनौतियों से लड़ने के लिए छोटे किसानों को अकेले नहीं छोड़ सकते। उन्हें हमारे नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है।”
उन्होंने कृषि को केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं बल्कि लाखों लोगों के लिए “आजीविका, भोजन और सम्मान” का स्रोत बताया। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चौहान ने छोटे किसानों को सशक्त बनाने और उनकी बाजार पहुंच में सुधार के लिए क्लस्टर आधारित खेती, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी मॉडल और प्राकृतिक खेती को प्रभावी दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया। बैठक में निष्पक्ष कृषि व्यापार, वैश्विक मूल्य अस्थिरता पर नियंत्रण और छोटे किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
भारत ने डिजिटल कृषि मिशन, एग्रीस्टैक, ड्रोन प्रौद्योगिकी और जलवायु-लचीले गांवों सहित अपनी तकनीकी पहलों को साझा किया, जिसमें बताया गया कि इन नवाचारों ने सेवा वितरण और किसानों की आय में कैसे सुधार किया है। ब्रिक्स कृषि मंत्रियों ने भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण और मिट्टी की उर्वरता हानि को संबोधित करने के लिए “ब्रिक्स भूमि बहाली साझेदारी” शुरू की।
अपने संयुक्त घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों ने खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और महिलाओं तथा युवाओं के सशक्तीकरण पर जोर देते हुए वैश्विक कृषि-खाद्य प्रणाली को निष्पक्ष, समावेशी, नवोन्मेषी और टिकाऊ बनाने की प्रतिबद्धता जताई। चौहान ने ब्रिक्स देशों को नवोन्मेष और वैश्विक सहयोग के लिए विश्व खाद्य भारत 2025 और विश्व दृश्य-श्रव्य मनोरंजन शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।