Prayagraj: उत्तर मध्य रेलवे (NCR) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्क्रैप बेचकर 272 करोड़ रुपए कमाए हैं। इसमें पुरानी रेल पटरियाँ, इंजन, कोच, वैगन, बिजली के खंभे और अन्य अनुपयोगी उपकरण शामिल हैं, जो अब उपयोग के लायक नहीं थे। इस साल का लक्ष्य 260 करोड़ था, लेकिन NCR ने इसे वित्तीय वर्ष समाप्त होने से करीब 20 दिन पहले यानी 11 मार्च को ही हासिल कर लिया। लगातार निगरानी और समय पर निपटान की वजह से NCR ने लक्ष्य को पार कर लिया।
NCR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा, “रेलवे को प्रत्येक वर्ष अपना दो स्क्रैप होता है, स्क्रेप का मतलब ये है कि जो हमारी पुरानी पटरियां है, जिनकी लाइफ पूरी हो चुकी है या जो हमारा रेलवे के पुराने इंजन होते हैं, कोच है,वैगन है और भी सामान हो सकते हैं अलग-अलग विभाग के जैसे बिजली के खंभे हो सकते हैं। इस तरह के जो भी मैटेरियल हैं, जो अपनी लाइफ पूरी कर चुके हैं।
सेफ्टी के अनुसार सबकी अपनी लाइफ होती है ताकि वो सेफ रेलवे जो जर्नी करा सके रेलवे तो वो जो लाइफ पूरी हो जाती है। तो हम लोग उसको स्क्रैप घोषित कर देते हैं और उसके पश्चात उसका डिस्पोजल करके यानी सेल करके जो आय प्राप्त होती है रेलवे को, उसी का उत्तर मध्य रेलवे का वर्ष 2024-25 का 260 करोड़ रुपये का लक्ष्य था। जिसे उत्तर मध्य रेलवे ने सतत निगरानी करके समय पर स्क्रैप का निपटान किया।”