US Tariffs: रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण ‘मंथन शिविर’ (विचार-मंथन सत्र) आयोजित किया, जिसमें भारत के उभरते रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग पर हाल ही में लगाए गए अमेरिकी टैरिफ के संभावित नतीजों का गहन मूल्यांकन किया गया। इस उच्च स्तरीय बैठक में सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपतियों सहित प्रमुख हितधारकों को गहन चर्चा और विश्लेषण के लिए एक साथ लाया गया।
मंथन शिविर का प्राथमिक उद्देश्य रसायन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र के अलग-अलग खंडों में अमेरिकी टैरिफ के विशिष्ट प्रभावों की व्यापक समझ हासिल करना था। चर्चाएं संभावित चुनौतियों जैसे निर्यात प्रतिस्पर्धा में कमी, सप्लाई चेन में दिक्कतें और घरेलू निर्माताओं और निर्यातकों के लिए सभी आर्थिक निहितार्थों पर केंद्रित थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को उच्च दर की घोषणा के ठीक एक सप्ताह बाद नौ अप्रैल को 26 प्रतिशत की नियोजित पारस्परिक टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, भारत के अमेरिका को कुल निर्यात में रसायन का हिस्सा लगभग 18 प्रतिशत है, वित्त वर्ष 2024 में निर्यात का मूल्य लगभग 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान है कि टैरिफ वृद्धि से वित्त वर्ष 2026 में रसायन निर्यात में 2-7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आ सकती है।