Waqf Act: केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन मुस्लिम समुदाय को लक्षित करके नहीं किया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य ‘‘अतीत की गलतियों’’ को सुधारना है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि भारत में किसी के लिए भी किसी की जमीन ‘‘जबरन और एकतरफा’’ छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन किया गया क्योंकि इसके कुछ प्रावधानों ने ‘‘वक्फ बोर्ड को अभूतपूर्व शक्ति और अधिकार’’ दे दिए थे। रीजीजू ने कहा, ‘‘इसका लक्ष्य मुस्लिम समुदाय नहीं है। इसका उद्देश्य अतीत की गलतियों को सुधारना है।’’ उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर भी थे।
रीजीजू ने कहा कि संशोधन के बाद ‘‘किसी भूमि को मनमाने ढंग से वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा।’’ उनका यह बयान संशोधन के खिलाफ विभिन्न मुस्लिम समूहों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के बीच आया है, जो पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हिंसक हो गया है। संसद द्वारा पारित वक्फ विधेयक को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो गई।
सत्तारूढ़ एनडीए ने इस कानून का पुरजोर बचाव करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताया है, जबकि विपक्ष ने इसे ‘‘मुस्लिम विरोधी’’ करार दिया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजूजू ने कहा कि “जमीन का एक टुकड़ा इंसान के लिए सबसे कीमती होता है। अगर आप अपनी जमीन खो देते हैं, तो आप सब कुछ खो देते हैं, इसीलिए हमने माना है कि भारत में किसी के लिए जबरदस्ती और एकतरफा तरीके से किसी की जमीन छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। हमें ऐसा कानून बनाना चाहिए जो जमीन के हर इंच को उसके असली मालिक के लिए सुरक्षित रखे। हम 1995 के वक्फ अधिनियम में मौजूद प्रावधानों के लिए ये संशोधन लाए हैं, जिसने वक्फ बोर्डों को अभूतपूर्व शक्ति और अधिकार दिए थे।”
“ये मुस्लिम समुदाय को लक्षित नहीं है। कुछ अभियान चल रहे हैं कि केंद्र सरकार मुस्लिम समुदाय के खिलाफ काम कर रही है। हम अतीत की गलतियों को सुधारने जा रहे हैं और जरूरतमंद लोगों को न्याय प्रदान करेंगे, किसी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में मनमाने ढंग से घोषित नहीं किया जाएगा…”