Mumbai: आंबेडकर जयंती के मौके पर बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर भव्य लाइटिंग

Mumbai: 14 अप्रैल, देशभर में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। इस खास मौके पर मुंबई के प्रतिष्ठित बांद्रा-वर्ली सी लिंक को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया। ब्रिज पर खास लाइट्स की मदद से बाबा साहेब की छवि, भारतीय तिरंगा और संसद भवन को बेहद खूबसूरत ढंग से दर्शाया गया, जिसने लोगों को भावुक कर दिया और बाबा साहेब के प्रति सम्मान की भावना को और मजबूत किया।

आंबेडकर जयंती पर रोशनी से जगमगाया बांद्रा-वर्ली सी लिंक, बाबा साहेब की छवि से सजा मुंबई का प्रतिष्ठित ब्रिज, बाबा साहेब ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त की और अपने ज्ञान का उपयोग भारत में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए किया। वे आज भी दलित समुदाय के अधिकारों, महिलाओं की समानता, और धर्मनिरपेक्षता के बड़े पैरोकार माने जाते हैं। 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र के मौदा (अब मध्य प्रदेश का हिस्सा) में एक दलित परिवार में जन्मे डॉ. बी. आर. अंबेडकर न केवल भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि एक ऐसे सामाजिक क्रांतिकारी भी, जिन्होंने जीवन भर समानता, शिक्षा और न्याय के लिए संघर्ष किया। उन्होंने समाज के उस वर्ग को आवाज दी, जिसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया था।

बाबा साहेब ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त की और अपने ज्ञान का उपयोग भारत में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए किया। वे आज भी दलित समुदाय के अधिकारों, महिलाओं की समानता, और धर्मनिरपेक्षता के बड़े पैरोकार माने जाते हैं। आंबेडकर जयंती के मौके पर दिल्ली, मुंबई, नागपुर, पुणे, और देश के अन्य हिस्सों में भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी जा रही है। नागपुर स्थित दीक्षाभूमि पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे, वहीं दिल्ली के अलीपुर रोड स्थित उनके स्मारक पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

बांद्रा-वर्ली सी लिंक को रोशनी से सजाने का यह प्रयास केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि बाबा साहेब की विचारधारा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रतीक भी है। ये संदेश देता है कि डॉ. अंबेडकर केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज और आने वाले कल के लिए भी प्रेरणा हैं।

 

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