Tahawwur Rana: 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को भला कौन भूल सकता है, करीब 16 साल बाद आज भी देश सदमे, निराशा और गुस्से में है। हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है। पाकिस्तानी मूल के 64 साल के कनाडाई नागरिक राणा को गुरुवार शाम लॉस एंजिल्स से विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। यहां विशेष अदालत ने उसे 18 दिन की एनआईए रिमांड पर भेज दिया है। जांच एजेंसी, मुंबई हमले में उसकी भूमिका से जुड़े कई सवालों का जवाब जानने की कोशिश करेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद पूर्व निदेशक तारा कार्था ने कहा कि “राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से ये व्यक्ति मुंबई हमले की साजिश में मुख्य भूमिका में था। वो अमेरिका में बैठा था और जमीन पर मौजूद आतंकवादियों को मदद पहुंचा रहा था, वो डेविड हेडली का सहयोगी था। उसके जरिए पाकिस्तान की आईएसआई हेडली से बात कर रही थी, क्योंकि वो पाकिस्तान से सीधे बात नहीं कर सकता था। जरूरी है कि पूछताछ में ये सब सार्वजनिक रूप से सामने आए।”
तहव्वुर राणा 1990 के दशक के अंत में कनाडा में बस गया था, इससे पहले उसने पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में काम किया था। बाद में वो अमेरिका चला गया और शिकागो में ऑफिस खोला, यहीं से राणा ने 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली की मदद की।
डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी अमेरिकी नागरिक है, उसने नवंबर 2008 के हमलों से पहले मुंबई में रेकी की। तहव्वुर राणा ने हेडली के मिशन को आसान बनाने में मदद की और उसके लिए 10 साल का वीजा विस्तार भी हासिल किया, एनआईए तहव्वुर राणा से हमले में हेडली और उसकी भूमिका और हमले के दौरान उनकी सटीक लोकेशन के बारे में पूछ सकती है।
जीके पिल्लई, पूर्व गृह सचिव “तहव्वुर राणा, डेविड हेडली का सहयोगी था जिसने 26/11 के हमलों में मुख्य भूमिका निभाई थी। तहव्वुर राणा वो शख्स था जिसने मुंबई में आव्रजन कार्यालय बनाया था, जिसमें डेविड हेडली को नौकरी दी गई और फिर उसे भारत आने के लिए वीजा मिला। इसलिए, वो और डेविड हेडली काफी करीब थे और उन्हें पता था कि क्या हो रहा था। भारत में उससे पूछताछ से ये पता चलेगा कि उसे क्या पता था और हेडली ने उसे क्या बताया था।”
जांच एजेंसियों को राणा से पूछताछ में हमले से जुड़ी कई अहम जानकारी मिल सकती हैं। जैसे आतंकवादियों ने समुद्री सुरक्षा का उल्लंघन कैसे किया? हमले की लोकेशन कैसे तय की? लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद और समूह के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी समेत प्रमुख साजिशकर्ताओं की भूमिका क्या थी?
लेफ्टिनेंट कर्नल संदीप सेन, पूर्व एनएसजी अधिकारी वो वही व्यक्ति है जो कनाडा में स्लीपर सेल चला रहा था, जिसके माध्यम से डेविड हेडली की भर्ती की गई थी। तो वो इस ऑपरेशन का हिस्सा है और उसे ऑपरेशन की अच्छी जानकारी है। वो इस पूरे मामले की बारीकियों से वाकिफ है और इसमें शामिल बाकी लोगों के बारे में भी जानता है, जो अब भी पर्दे के पीछे हैं। ये आदमी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा के बीच एक कड़ी है, इसलिए उसका भारत लौटना बहुत मायने रखता है।
10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को अरब सागर से मुंबई में घुसपैठ करने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लग्जरी होटल और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया था, करीब 60 घंटे तक चली इस आतंकवादी वारदात ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया था।