Uttarakhand: उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला और ढेला पर्यटन क्षेत्रों से बुधवार को दो घायल बाघों को बचाया गया। कॉर्बेट प्रशासन ने वरिष्ठ पशु चिकित्सकों, वनकर्मियों, ड्रोन और हाथियों की मदद से बाघों को सुरक्षित रूप से ढिकाला रेंज के बचाव केंद्र में पहुंचाया, जहां उन्हें फिलहाल चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। पिछले कुछ दिनों से ढिकाला और ढेला रेंज में घायल बाघों के घूमने की खबरें आ रही थीं। पार्क की गश्ती टीमों ने बचाव अभियान शुरू करने से पहले उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी।
अधिकारियों के अनुसार, ढिकाला रेंज से बचाया गया बाघ लगभग पांच साल का है और दूसरे की उम्र चार से पांच साल के बीच बताई जा रही है। पशु चिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम ढेला बचाव केंद्र में बाघों की चौबीसों घंटे देखभाल कर रही है। जबकि एक बाघ में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, दूसरा गंभीर चोटों के कारण गहन निगरानी में है।
वाइल्डलाइफ वार्डन के चीफ रंजन मिश्रा ने कहा, “जो ढिकाला से लिया गया है, अभी मैं डॉक्टर साहब से पूछ रहा था वो हालात इतनी अच्छी नहीं है। उसका केयर ले रहे हैं, उसका इलाज चल रहा है, रिकवर भी ठीक से कर रहा है। क्योंकि अभी गर्मी का समय भी है, टाइगर थोड़ा सा अभी बेटर है, अभी ढेला में उसका उपचार चल रहा है।”