Telangana HC: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 400 एकड़ भूमि पर काम तीन अप्रैल तक रोकने का निर्देश दिया

Telangana HC: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हैदराबाद विश्वविद्यालय (UOH) से सटी 400 एकड़ वन भूमि पर सभी कार्य एक दिन के लिए (तीन अप्रैल तक) स्थगित करने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति रेणुका यारा की पीठ उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें कांचा गाचीबोवली स्थल पर पेड़ों की कटाई और भूमि साफ करने पर रोक लगाने के लिए अदालत से निर्देश देने का अनुरोध किया था।

याचिकाकर्ताओं ने तेलंगाना राज्य औद्योगिक अवसंरचना निगम (TGIIC) को भूमि आवंटित करने संबंधी राज्य सरकार के फैसले को भी चुनौती दी, जिसमें दावा किया गया कि यह वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। TGIIC ने 30 मार्च सरकारी आदेश के अनुसार कांचा गाचीबोवली स्थल पर विकास कार्य शुरू किया था। मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि स्थल पर सभी काम रोक दिए जाएं।

यह निर्णय एक याचिकाकर्ता के वकील एस निरंजन रेड्डी की याचिका के बाद लिया गया, जिन्होंने न्यायालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था तथा कहा था कि पेड़ों की कटाई बेरोकटोक जारी है। महाधिवक्ता सुदर्शन रेड्डी ने दलील दी कि याचिकाएं गूगल इमेज पर आधारित थीं, जो उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के अनुसार साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं।

उन्होंने दलील दी कि विचाराधीन भूमि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (HCU) के बाहर है और इसे हमेशा औद्योगिक उद्देश्यों के लिए निर्धारित किया गया है। निरंजन रेड्डी ने अदालत को बताया कि जल, भूमि और वृक्ष अधिनियम (वाल्टा) के तहत अधिकृत एजेंसियों की पूर्व अनुमति के बिना एक मीटर से अधिक ऊंचाई वाले किसी भी पेड़ को नहीं काटा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 400 एकड़ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *