Navratri: सहारनपुर गौशाला की बनी हर्बल अगरबत्तियों की मांग नवरात्रि में बढ़ी

Navratri: देश में चल रहे नवरात्रि उत्सव ने अगरबत्ती और पूजा की दूसरे सामानों की मांग में उछाल ला दिया है, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मां शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला नवरात्रि में गाय के गोबर से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल धूप और दूसरे उत्पाद बना बना रही है, जो रासायनिक उत्पादों से काफी बेहतर, स्वस्थ्य और टिकाऊ विकल्प है। इस गौशाला में लगभग 600 गायें हैं।

गौशाला में काम करने वाले शुभम कुमार ने कहा कि “यहां बिना किसी केमिकल के संभ्राणी कप बनाए जाते हैं। इसमें लोबान, गुग्गल, भीमसेनी कपूर होता है। यह वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए बनाया जाता है और अगरबत्ती बनाने के लिए नागरमोथा, भीमसेनी कपूर और कई अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है।

नगर निगम पशु चिकित्सा और कल्याण अधिकारी डॉक्टर संदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि “इस गौशाला में वर्तमान में लगभग 582 गोवंश सुरक्षित हैं। हमारा संगठन नवाचार, अनुसंधान और नए उत्पाद बनाने के लिए समर्पित और जाना जाता है। नवरात्रि के मद्देनजर, हम संभ्राणि कप और धूपबत्ती के उत्पादन और बिक्री में शामिल हैं। ये उत्पाद पंचगव्य (गाय से प्राप्त पांच उत्पाद), धूप, हवन सामग्री, गुग्गल, लोबान और ऐसी अन्य वस्तुओं का उपयोग करके बनाए जाते हैं। हम इन उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बेच रहे हैं।”

“मुख्यमंत्री, राज्य मंत्री और कई अन्य प्रभावशाली मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी ने भी हमारी गौशाला और गौ उत्पादों की प्रशंसा की है। माननीय राज्य मंत्री श्री राकेश राठौर, जो शहरी विकास राज्य मंत्री हैं, ने भी मुख्यमंत्री को एक विशेष पत्र भेजा, जिसमें सुझाव दिया गया कि इस गौशाला के मॉडल के आधार पर अन्य गौशालाओं को विकसित किया जाना चाहिए।”

स्थानीय प्रशासन के अनुसार गौ-आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने की कोशिशों के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से गौशाला की काफी तारीफ की गई है। गौशाला अपने उत्पादों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से बेचती है और इससे होने वाली आय से अपना खर्च चलाती है। गाय के गोबर और दूसरी चीजों से बने उत्पाद को बेचकर माँ शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला दूसरी गौशालाओं के लिए आदर्श बन गई है।

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