Railway: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे, जो उस क्षेत्र पर निर्भर करेगा, जिससे ट्रेन गुजरेगी। रेल मंत्री ने बताया कि इस संबंध में दक्षिण रेलवे के तहत एक प्रयोग शुरू किया गया है, अश्विनी वैष्णव ने डीएमके सांसद थमिजाची थंगापांडियन के उन सवालों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि तमिलनाडु में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में दक्षिण भारतीय खाना भी उपलब्ध होने चाहिए।
थंगापांडियन ने आगे कहा कि ट्रेन के अंदर ज्यादातर पेंट्री कर्मचारी हिंदी बोलते हैं, जिससे यात्रियों के लिए अपनी जरूरतों के बारे में बात करना मुश्किल होता है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि रेलवे ने यात्रियों को स्थानीय व्यंजन परोसे जाने के लिए दक्षिण रेलवे में एक काफी अहम प्रयोग किया है।
रेल मंत्री ने कहा कि “ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे। ये कार्यक्रम पूरे देश के लिए होगा, जो भी ट्रेन किसी एक खास जगह से गुजरेगी, रेलवे अब यात्रियों को उस व्यंजन का आनंददायक अनुभव देने की कोशिश कर रहा है, चाहे वो पूर्व, पश्चिमी, उत्तर या दक्षिण हो। ये निरंतर सुधार की एक प्रक्रिया है, जिसे हम अपना रहे हैं।”
डीएमके सांसद थमिजाची थंगापांडियन ने कहा कि “ट्रेन में मुख्य रूप से नॉर्थ इंडियन खाना है, जिसमें तमिलनाडु की समृद्ध पाककला विरासत को दर्शाया गया है। मुझे मेनू में साउथ इंडियान खाने के लिए अनुरोध और शिकायतें मिली हैं। मैं माननीय मंत्री से गुजारिश करता हूं कि वे इस पर विचार करें। साथ ही ज्यादातर पेंट्री कर्मचारी मुख्य रूप से हिंदी बोलते हैं और यात्रियों के लिए अपनी जरूरतों के बारे में उनसे संवाद करना मुश्किल होता है। इसलिए क्या मंत्री ये अनिवार्य करेंगे कि पेंट्री कर्मचारियों को स्थानीय भाषाओं सहित अंग्रेजी या तमिल भी आनी चाहिए।”
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “हमने यात्रियों को वहां का लोकर खाना परोसे जाने के लिए दक्षिणी रेलवे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सर्वेक्षण किया है, हमने वाईएसए नाम से एक नई संरचना बनाई है। इसकी वजह से केरल समेत कई जगहों पर पहले से ही दक्षिण में चलने वाली ट्रेनों में दक्षिण भारतीय भोजन परोसा जा रहा है। जैसे-जैसे ये कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे और ये कार्यक्रम पूरे देश के लिए है। जो भी ट्रेन मुख्य रूप से एक विशेष क्षेत्र से गुजरती है, रेलवे अब यात्रियों को उस क्षेत्र के स्थानीय व्यंजनों का स्वादिष्ट अनुभव देने की कोशिश कर रहा है, चाहे वो पूर्व, पश्चिमी, उत्तर या दक्षिण हो। ये निरंतर सुधार की एक प्रक्रिया है, जिसे हम अपना रहे हैं।”