Kerala: गर्मी जैसे-जैसे बढ़ती है, भोजन और पानी की तलाश में बेचैन हाथियों को सिकुड़ते जंगलों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लेकिन उन्हें भोजन के नाम पर मिलता है केवल प्लास्टिक कचरे के ढेर, बचा हुआ सड़ा खाना और खतरनाक मलबे। हाथियों के जिंदगी की ये दुखद सच्चाई केरल के इडुक्की जिले के मुन्नार में देखने को मिली।
इसे लेकर पर्यावरणविद और पशु प्रेमी चिंता जता रहे हैं। वे लगातार आगाह कर रहे हैं कि अगर हम अब भी कोई एक्शन नहीं लेते हैं, तो इन शानदार पशुओं को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि प्लास्टिक कचरे को खाने से हाथियों पर स्वास्थ्य संबंधी घातक नतीजे हो सकते हैं। जिससे उन्हें अंदरूनी दिक्ततें हो सकती हैं, गंभीर बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है।
अगर फौरन सख्त एक्शन नहीं लिया गया तो केरल का इडुक्की इलाका यहां के निवासियों में से कुछ को खोने का जोखिम उठा रहा है। ये शांत विशालकाय जीव सदियों से यहां की चारागाह को अपना आशियाना बनाए हुए हैं।