Varanasi: गर्मी के मौसम के दस्तक देते ही उत्तर प्रदेश के वाराणसी के घाटों पर चहल-पहल कम होती दिख रही है, कुछ हफ्ते पहले तक वाराणसी के जो घाट तीर्थयात्रियों से भरे दिखते थे, वहां अब सन्नाटा छाया है। गर्मी का सीजन अभी शुरू ही हुआ है लेकिन सूरज उगते ही अस्सी घाट की सीढ़ियां तपने लगती हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि “गर्मी तो अप्रैल में शुरू में जितनी पड़ती थी, अभी मार्च लास्ट में उससे अधिक तापमान जाने लगा है, 39-40 तापमान जा रहा है। अभी आप देख ही रहे होंगे कि यहां भीड़ बहुत कम दिख रही होगी। शाम में लोग पहुंच रहे हैं, शाम में काफी गैदरिंग हो जा रही है। दिन में धूप की वजह से लोग यहां टिकना, खड़ा होना पसंद नहीं कर रहे हैं। जहां-जहां खाली जगह है वहां-वहां खड़े हो रहे हैं, अपने आप को धूप से बचाके और गंगा जी का लुत्फ ले रहे हैं।”
घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के जरिए अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले पंडितों और पुरोहितों की कमाई पर भी बढ़ते पारे का असर दिखने लगा है।
पुरोहित अरविंद मिश्रा ने बताया कि “गर्मी का मौसम तो आप खुद ही देख रहे हैं कि कितना तेज धूप हो रहा है। पब्लिक तो आ ही नहीं रहा है, एकदम सन्नाटा है। फिर भी हम लोग अपना जीविका चलाने के लिए बैठे हैं और जो आता है उसकी सेवा करने के लिए बैठे हैं। बाकी गर्मी तो बहुत है। अब धूप तेज के कारण से पब्लिक नहीं आ रहा है। न कोई यात्री आ रहा है, न कोई जजमान आाता है, न कोई श्रद्धालु आ रहा है। आ रहे हैं तो सुबह में और शाम के टाइम में वहीं आ रहे हैं थोड़ा बहुत।”
वही पर्यटकों का कहना है कि “घाट तो पर्सन टू पर्सन वैरी करेगा कि कौन कैसा एक्सपीरियंस करेगा और मुझे तो बहुत अच्छा लगा, यहां पर बहुत शांति है और स्पिरिचुअलिटी वे में बहुत अच्छा है और गर्मी बहुत ज्यादा है एज कंपेयर टू जो प्रीवियस ईयर जो एनवायरमेंट है उसको एकॉर्डिंग बहुत राइज है।”
वाराणसी के घाटों पर आने वाले लोगों की संख्या भले ही कम हुई हो लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि वे सुकून की तलाश में यहां खिंचे चले आते हैं। वाराणसी में पिछले कुछ दिनों से पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है और अब भी सबसे गर्म महीने आने बाकी हैं। ऐसे में राहत के लिए मानसून आने तक इंतजार करना होगा।