Kota: बिहार से राजस्थान के कोटा में कोचिंग के लिए एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के मैदी खुर्द गांव में रहने वाले हर्ष राज ने 26 मार्च को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक के परिजनों ने राजस्थान सरकार से कोचिंग हब में छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है, जहां जनवरी से अब तक नौ छात्र आत्महत्या कर चुके हैं।
17 साल के नीट अभ्यर्थी के चाचा राजीव यादव ने शवगृह के बाहर कहा, “ये राज्य सरकार के चेहरे पर तमाचा है कि हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कोटा में छोड़ देते हैं, लेकिन उनके शव वापस ले जाते हैं।” मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। हालांकि, केयरटेकर के अनुसार, बुक शेल्फ रैक पर “सॉरी” लिखा हुआ मिला। पुलिस ने बताया कि उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस बीच, हॉस्टल के केयरटेकर लोकेश शर्मा ने बताया कि लड़का अपने तीन चचेरे भाइयों के साथ हॉस्टल में रहता था। केयरटेकर ने बताया कि अप्रैल में हॉस्टल मिलने के बाद, लड़के ने अपने कमरे के अंदर पुल-अप्स करने के लिए लोहे की रॉड लगवा ली थी। उन्होंने बताया कि हॉस्टल के कमरे में लगे पंखे “आत्महत्या-रोधी डिवाइस” से लैस थे, इसलिए लड़के ने लोहे की रॉड का इस्तेमाल करके खुद को फांसी लगा ली।
कोचिंग हब के रूप में मशहूर इस शहर में इस साल ये नौवीं आत्महत्या है। अकेले जनवरी में छह कोचिंग छात्रों – पांच जेईई और एक नीट अभ्यार्थी ने खुदकुशी कर ली थी। 2024 में कोटा में 17 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या कर थी। तो वहीं 2023 में ये संख्या 26 थी।
नीट अभ्यर्थी के चाचा ने कहा, “मेरा बच्चा पिछले डेढ़ साल से नीट की तैयारी कर रहा था। 24 मार्च को हमें हॉस्टल स्टाफ ने बताया कि आपका बच्चा दरवाज़ा नहीं खोल रहा है और शीशा तोड़ने के बाद उन्होंने हमें बताया कि वो मर चुका है। वो पढ़ाई में अच्छा था। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। ये राज्य सरकार के मुंह पर तमाचा है कि हम अपने बच्चों को कोटा में पढ़ने के लिए छोड़ देते हैं, लेकिन उनके शव वापस ले जाते हैं।”
ये भी पढ़ें: कोटा के छात्रावास में NEET अभ्यर्थी ने की खुदकुशी