Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित मयूर विहार में तीन मंदिरों के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान को स्थानीय विधायक के नेतृत्व में लोगों के विरोध के कारण स्थगित कर दिया गया। DDA की एक टीम पुलिस के साथ पूर्वी दिल्ली इलाके में काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर को ढहाने के लिए पहुंची – जो कथित तौर पर क्षेत्र के फेज दो में ग्रीन बेल्ट में बने हैं।
पटपड़गंज विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने एक्स पर कहा, “उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, DDA की टीम पुलिस के साथ पटपड़गंज विधानसभा में मयूर विहार फेज दो में पहुंची। लेकिन हम पहले से ही वहां मौजूद थे, ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि मंदिर सुरक्षित रहे।”
DDA के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि ध्वस्तीकरण को स्थगित कर दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा, “हमें आक्रोश के कारण अभियान को स्थगित करना पड़ा। हालांकि, हमारी कानूनी टीम मामले की समीक्षा कर रही है।”
नेगी ने कहा कि वो और अन्य लोग सुबह तीन बजे से साइट पर मौजूद थे और मंदिरों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ बातचीत के बाद अभियान स्थगित कर दिया गया।
बीजेपी विधायक रविन्द्र सिंह नेगी ने कहा, “ये DDA का मामला था, ग्रीन बेल्ट मे जो अतिक्रमण है, उसके लिए हाईकोर्ट के आदेश थे कि अतिक्रमण खाली कराइये, लेकिन अतिक्रमण 40 साल पुराना मंदिर था, जिससे लोगों की आस्था जुड़ी हुई थी। तो रात को ही तीन बजे पुलिस बल कम से कम तीन से चार हजार पुलिस बल थे, कम से कम 20-25 जेसीबी थी और DDA के अधिकारी थे। तो मौके पर मैं पहुंचा और मौके पर पहुंचने के बाद हमने बात करी और बात करने के बाद पूरा मामला हमने दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता जी को बताया और उन्होंने हस्तक्षेप किया। हस्तक्षेप करने के बाद उस कार्रवाई को रोका गया और मंदिर कमेटी आज सुप्रीम कोर्ट गई है और सुप्रीम कोर्ट से हमें उम्मीद है कि इसे स्टे मिलेगा।”