Gujarat: खंभाला गांव में किसान कभी अनियमित बिजली सप्लाई के कारण समय पर सिंचाई नहीं कर पाते थे, उनकी फसलें पूरी तरह से बिजली के रहमो करम पर निर्भर थी जिससे उनकी पैदावार पर भी असर पड़ता था। लेकिन अब ये पूरी तरह से बदल गया है, इसकी मिसाल हैं किसान अशोकभाई मकवाना।
अशोकभाई ने पीएम-कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगवाया। उन्हें इस पर 70-80 फीसदी सरकारी सब्सिडी का फायदा मिला। अब वो सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप और उपकरणों की मदद से सुबह से शाम तक बिना रुके खेतों में पानी दे सकते हैं। अब उनका बिजली का बिल कम होने के साथ मुनाफा भी बढ गया है। ऐसे सोलर पंपों ने अब गांवों में खेती को पूरी तरह से बदल दिया है।
किसान, राजकोट “सौर ऊर्जा कनेक्शन से बिजली की काफी बचत होती है। सामान्य तरीके से देखें तो सब कुछ वाकई अच्छा है। एक साधारण व्यक्ति भी इसका काफी बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकता है और अपने बिलों को कम कर सकता
है।”
बनासकांठा के किसान महादेवभाई को पहले बिजली की अनियमितता के कारण रात में खेती करनी पड़ती थी। सरकारी विज्ञापन से उन्हें पीएम-कुसुम योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया। सिर्फ तीन महीनों में उनका सोलर पंप चालू हो गया, अब उनका पंप सुबह से लेकर शाम तक अपने आप चलता है जिससे वो दिन भी आराम से खेती कर सकते हैं और सबसे बड़ा फायदा ये कि करीब 15,000 रुपये आना वाला उनका बिजली का बिल अब जीरो हो गया है। साथ ही उन्हें अपने सोलर पैनलों पर 25 साल की गारंटी भी मिल रही है।
महादेवभाई, किसान, बनासकांठा “सोलर पंप स्वचालित हैं, ये सुबह आठ बजे सूर्योदय के समय चालू होता है और शाम को लगभग साढ़े पांच बजे से छह बजे तक चलता रहता है। इसमें किसी की जरूरत नहीं होती, सब कुछ स्वचालित रूप से होता है।”
गुजरात में अब तक 7,700 से ज्यादा किसानों ने पीएम-कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाए हैं, जिस पर सरकार ने ₹218 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी दी है। नर्मदा जिले में 5,100 से ज्यादा सोलर पंप लगे हैं। इसके बाद वलसाड (460+), बनासकांठा (450+), डांग (320+), महिसागर (260+) समेत कई जिले शामिल हैं। किसान सोलर पंप के लिए JREDA वेबसाइट पर आधार और जमीन के दस्तावेज जमा करने के साथ मामूली शुल्क का भुगतान कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
सौर ऊर्जा से गुजरात की कृषि नया आकार ले रही है। इससे लागत घट रही है और बिजली हमेशा मौजूद रहती है। सरकारी सहयोग से किसानों को नियमित बिजली मिल रही है और बिजली के बिल कम आ रहे हैं।