Jammu Kashmir: रमज़ान के मौके पर श्रीनगर के बाज़ारों में इन दिनों खासी चहल-पहल है। नमाज़ की टोपी, इत्र, दातुन, माला और पारंपरिक कुर्ता-पजामे की बिक्री में खासा उछाल देखा जा रहा है। अमीरा कदल, नौहट्टा और बोहरी कदल जैसे बाज़ारों में भारी भीड़ देखी जा रही है। दुकानदार पवित्र महीने के लिए ज़रूरी सामान की जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
स्ट्रीट वेंडरों ने भी मस्जिदों और दरगाहों के बाहर स्टॉल लगाए हैं। वे इन स्टॉलों पर रमज़ान से जुड़ा सामान बेच रहे हैं। खुशनुमा मौसम के बीच रमजान की रंगत चारों ओर छा रही है। इससे बिक्री में भी बढोतरी हो रही है जिससे दुकानदारों के चेहरों पर रौनक आ गई है।
नमाज़ के लिए टोपी पहनना, इत्र लगाना और दांतों की सफाई की लिए दातुन करने की परंपरा इस्लामी रीति-रिवाजों का जरूरी हिस्सा है। नीम या बबूल की पतली टहनी को दातुन कहते हैं और इससे दातों की सफाई की जाती है। रमजान के पाक महीने ये खासी अहमियत रखती है। कई मुसलमान मुंह और दांतों की सफाई के लिए इसका खूब इस्तेमाल करते हैं।
घाटी में भारी मांग को पूरा करने के लिए कई थोक व्यापारी सऊदी अरब, इंडोनेशिया और मिस्र जैसे देशों से इत्र, माला और नमाज़ की टोपियाँ आयात कर रहे हैं।