Dilli Hatt: दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले कला और संस्कृति प्रेमियों के लिए इन दिनों आकर्षण का नया केंद्र बन गया है। शिल्प और हस्तशिल्प का प्रतिष्ठित केंद्र, दिल्ली हाट बिहार उत्सव की मेजबानी कर रहा है, जो राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत का वार्षिक उत्सव है।
रेजिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने बताया कि “हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है, जिस दिन बिहार राज्य की स्थापना हुई थी। इसी उपलक्ष्य में ये प्रदर्शनी लगाई जा रही है और उद्योग विभाग और हमारे साथ डायरेक्टर टेक्नीकल हैं उद्योग विभाग के श्री शेखर, यह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और इनकी टीम की कड़ी मेहनत से ये प्रदर्शनी यहां लगाई गई है और मुझे आशा है 15 दिनों तक जो ये प्रदर्शनी चलेगी उसमें जितने भी लोग यहां पर आएंगे, जितने भी विजिटर यहां पर आएंगे, उनको बिहार की जो रिच कल्चरल ट्रडिशन हैं जो आर्ट है, उससे उनको रूबरू होने का मौका मिलेगा।”
इस महोत्सव में बिहार में तैयार किए गए कई प्रकार के उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले कई स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें मधुबनी पेंटिंग, लकड़ी की कला और तसर सिल्क की साड़ियां शामिल हैं। कलाकारों का कहना है कि यह सब जैसे जो ये दुपट्टा हो गया, ये फ्री हैंड में बनता है तो हम लोग जो है इससे सिखलाते हैं आज तो हम स्टेट अवॉर्डी हो गए हैं, कलाकार को भी सिखलाते हैं।
विक्रेताओ का कहना है कि “बिहार उत्सव में हम लोग बराबर लगे रहते हैं, बराबर उससे जुड़े रहते हैं, जहां-जहां भी दुकान मिलता है, हम लोगों को मिलता रहता है, अभी एक दिल्ली हाट में मिला है, एक दुकान अभी हमें तोशाली में भी मिला है। इसलिए यहां आते हैं, बहुत अच्छा प्रोग्राम भी होता है और काम भी होता है, सरकार की तरफ से फ्री आना है, फ्री जाना है, सब किराया-भाड़ा भी देते हैं हमें टीए-डीए भी मिलता है, उनकी तरफ से फ्री दुकान मिलता है और अपने प्रोडक्ट को हम सेल करते हैं।”
आयोजकों के मुताबिक इस महोत्सव का उद्देश्य बिहार के कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है, जिन्हें अक्सर अपना काम प्रदर्शित करने के बड़े मौके नहीं मिल पाते हैं। रेजिडेंट कमिश्नरकुंदन कुमार ने बताया कि “कालांतर से ये होता आया है जितने भी आर्टिस्ट होते हैं, जितने भी कल्चरल परफॉर्मर होते हैं, उनको कहीं ना कहीं पेट्रनेज की आवश्यकता होती है, जब तक वो उनको नहीं मिलता है, वो फैसिलिटेशन जिस तरह का उनको चाहिए, नहीं मिलता है, तब तक जिस प्रकार की प्रगति हम उस फील्ड में देखना चाहते हैं, वो नहीं मिलता है, इसी कारण से उनको मार्केट उपलब्ध करवाना, बिहार सरकार ने ऐसी पॉलिसी बनाई हैं जिसके तहत जितने भी हमारे आर्टिस्ट हैं, जितने भी माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज हैं, उनको हर प्रकार का हेल्प हम देते हैं, उनको बैकवॉर्ड और फॉरवार्ड लिंकेज करवाते हैं।”
दिल्ली में बिहार उत्सव 2025 का आयोजन 22 मार्च को मनाए जाने वाले बिहार दिवस यानी राज्य के स्थापना दिवस समारोह से पहले किया जा रहा है, दिल्ली हाट में बिहार उत्सव 31 मार्च तक चलेगा।