Mauritius: मॉरिशस में गंगा तालाब को गंगा बेसिन भी कहा जाता है, यह वहां हिंदुओं की सबसे पवित्र जगह मानी जाती है। झील के गंगा नदी की तरह पवित्र माना जाता है, साल 1972 में झील में गंगा नदी से लाया पानी डाला गया था। इस कदम से मॉरिशस के हिंदू समुदाय में झील की अहमियत और बढ़ गई। झील के चारों ओर हरियाली है। यहां भगवान शिव, भगवान गणेश और हनुमान जी को समर्पित मंदिर हैं। ये श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए बेहद शांत जगह है।
गंगा तालाब के बीचोंबीच विशाल शंव मंदिर है, स्थानीय लोग इसे मॉरिशस ईश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग कहते हैं। इसे हिंदुओं का 13वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है, इस पवित्र जगह की को 1897 में पंडित जुम्मन गिरी ने बनवाया था। तब से ये आस्था का केंद्र बना हुआ है। 2004 में महाशिवरात्रि को कई श्रद्धालुओं ने कहा कि मंदिर में भगवान शिव का चेहरा उभर आया है। इसके बाद मंदिर की अहमियत और बढ़ गई।
साल 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मॉरिशस यात्रा पर गई थीं। उस वक्त भारत सरकार ने गंगा तालाब परिसर और बेहतर बनाने के लिए कहा था। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा से पहले वहां उत्साह का माहौल है, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर पीएम मोदी 11 और 12 मार्च को मॉरीशस की यात्रा पर जा रहे हैं। वहां वो मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होंगे।
गंगा तालाब ट्रस्ट के सचिव सतीश दयाल ने कहा कि “सभी प्रधानमंत्री इस जगह के लिए गंगा जल लेकर आते हैं। ये बहुत मजबूत संबंध है। मोदी जी ने भारत की मदद के लिए बहुत कुछ किया है। हमारे पूर्वज भारत से हैं और हमारा संबंध इतना मजबूत है कि जब कोई भारत से यहां आता है, तो ऐसा लगता है जैसे वे हमें आशीर्वाद देने आ रहे हैं। कोविड के दौरान उन्होंने हमारी बहुत मदद की। हम सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि भारत हमारे साथ खड़ा है। हमारे बीच इतने मजबूत संबंध हैं कि अगर कोई सैन्य आपातकाल आता है, तो भारत सबसे पहले हमारी रक्षा करेगा, ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री आ रहे हैं, ऐसा लगता है जैसे हमारे अपने प्रधानमंत्री भी आ रहे हैं।”