Women’s Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मणिपुर की महिला एथलीट लैंगिक समानता और समान मौकों की वकालत कर रही हैं। ओलंपिक पदक विजेताओं और मुक्केबाजी चैंपियनों समेत प्रमुख एथलीटों ने अगली पीढ़ी को प्रेरित करने की अहमियत पर जोर दिया, ताकि वे सारी रुकावटों को पारकर अपने सपनों को पूरा कर सकें।
ग्रामीण इलाकों में युवा लड़कियों के पास अमूमन अपने सपनों को पूरा करने के लिए मौकों की कमी होती है। उनके संघर्षों का हवाला देते हुए ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू ने अपील की कि उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने और समाज में अपनी सही जगह बनाने के लिए ज्यादा समर्थन की जरूरत है।
विश्व मुक्केबाजी चैंपियन सरिता देवी ने मणिपुर में चल रहे संघर्ष पर चिंता जताई और लड़कियों के सामने आ रही मुश्किलों पर बात की। इनमें से कई अब भी राहत शिविरों में रह रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का असली मकसद तभी पूरा होगा जब ये लड़कियां घर लौट सकेंगी और फिर से शांति से अपना जीवन शुरू कर सकेंगी।
48वें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मणिपुर की महिला एथलीट समान मौकों, समर्थन और न्याय की वकालत करने के लिए एकजुट हुईं और एक ऐसे भविष्य की प्रेरणा दी, जहां हर लड़की बिना किसी बाधा के अपने सपनों का पीछा कर सके और लैंगिक समानता हकीकत बन सके।