Women’s Day: रीता नाग बॉडी बिल्डिंग में बनीं त्रिपुरा की पहली राष्ट्रीय स्तर की स्वर्ण पदक विजेता

Women’s Day: त्रिपुरा की रीता नाग ने बॉडी बिल्डिंग में नेशनल लेवल का खिताब अपने नाम किया है, वह बॉडीबिल्डिंग में गोल्ड मेडल लाने वाली त्रिपुरा की पहली महिला हैं। हाल ही में लखनऊ में आयोजित 14वें फेडरेशन कप में उन्होंने ये ख्याति हासिल की है, उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ त्रिपुरा बल्कि पूरे नॉर्थ-ईस्ट की महिलाओं के लिए मिसाल है।

रीता नाग बताती हैं कि उनका सफर आसान नहीं रहा, शुरुआत में उन्हें परिवार और समाज के दबाव का सामना करना पड़ा। रीता नाग के कोच बताते हैं कि रीता को अपने करियर की शुरुआत में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, त्रिपुरा की महिलाओं के लिए वे आम हैं।
यही वजह है कि ज्यादातर लोग इस खेल को अपनाने से कतराते हैं।

हालांकि रीता नाग की इस कामयाबी से उनके कोच काफी खुश हैं। वे मानते हैं कि रीता ने लोगों की सोच को बदला है, रीता नाग ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपनी फिटनेस और हेल्थ को लेकर प्रेरित करना चाहती है। रीता की कामयाबी उनके दृढ़ संकल्प और साहस की ऐसी मिसाल है जो समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़ सकती है, जो यह साबित करती है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में अव्वल हैं।

त्रिपुरा से बॉडीबिल्डिंग में पहली राष्ट्रीय स्तर की गोल्ड मेडलिस्ट रीता ने कहा कि “लड़कियां जैसे कि शाई हैं, आती नहीं हैं। सोचती हैं ना, नहीं, हम लोग घर पे ही ठीक हैं। मेरे लिए भी प्रॉब्लम हुई थी। घर वाले नहीं मान रहे थे। मैं उनके अगेंस्ट में आई नहीं। मुझे अपने हेल्थ को लेके बहुत, सबसे फर्स्ट प्रायोरिटी है। सो मैं सोचा कि ठीक है, हां, देखती हूं, क्या होता है। डे बाई डे मुझे अच्छा लग रहा है कि हां, अपने बॉडी, फिटनेस और, फिर मैंने सोचा हां, ठीक है। मैं कंटीन्यू करूंगी, सो अभी कंटीन्यू कर रही हूं।”

रीता नाग के कोच तान्या दास ने बताया कि “बहुत बड़ा ऑब्सट्रक्शंस था हमारे लिए त्रिपुरा की लड़कियों को फिटनेस की इंडस्ट्री में आगे लेके जाने के लिए। और उसमें मेजर पार्ट था कि उनका जो कॉस्ट्यूम होता है, वो बिकिनी होता है। त्रिपुरा से बिकिनी में स्टेज पर जाके लाखों-हजारों लोगों के सामने पार्टिसिपेट करना, परफॉर्म करना, लड़कियों के लिए चैलेंजिंग था, लेकिन आज बहुत खुशी मिल रही है और प्राउड भी फील कर रहा हूं कि ये बोल पा रहा हूं आप लोगों के सामने कि इस साल एक लड़की मिली, जो त्रिपुरा स्टेट चैंपियनशिप में भी जीती और फोर्टींथ फेडरेशन कप, ऑर्गेनाइज्ड बाई इंडियन बॉडीबिल्डर फेडरेशन, आईबीबीएफ, जो लखनऊ में हुआ, उसमें उसने बिलो 155 कैटेगरी में गोल्ड मेडल लिया। शी इज द फर्स्ट लेडी ऑफ आवर स्टेट, इन द हिस्ट्री ऑफ आवर स्टेट, जो त्रिपुरा के लिए गोल्ड मेडल लेके आई है नेशनल्स में।”

“हमारे जमाने में जब हम छोटे थे, मोबाइल आए भी नहीं थे। हम लोग बोलते थे, तब हमारा हेल्थ भी बहुत सही था। अभी हमारे बच्चे लोग क्या कर रहे हैं, गेम वगैरह सब कुछ में बिजी रहते हैं तो क्या ही पता निगेटिविटी होती है। हेल्थ भी इशू होती है ना। जितना आप मोबाइल देखोगे, आंख की रोशनी, वो कम हो जाएगा। दिमाग पे बहुत बुरे असर पड़ेगा। तो मैं सबको यही मैसेज देना चाहती हूं अपनी हेल्थ को प्रायोरिटी दें।”

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