New Delhi: चुनाव आयोग (ईसी) ने डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या के मुद्दे पर लीपापोती के आरोपों के बीच कहा कि वो अगले तीन महीनों में “दशकों पुराने” मामले का हल निकालेगा।
एक बयान में चुनाव प्राधिकरण ने कहा कि भारत की मतदाता सूची दुनिया भर में मतदाताओं का सबसे बड़ा डेटाबेस है, जिसमें 99 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं।
आयोग ने कहा कि “डुप्लीकेट इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (ईपीआईसी) नंबरों के मुद्दे के संबंध में आयोग ने पहले ही मामले का संज्ञान ले लिया है। ईपीआईसी नंबर चाहे जो भी हो, एक मतदाता जो किसी विशेष मतदान केंद्र की मतदाता सूची से जुड़ा हुआ है, वो केवल उसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकता है, कहीं और नहीं।”
चुनाव प्राधिकरण ने कहा कि उसने अब तकनीकी टीमों और संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद अगले तीन महीनों में डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर वाले मौजूदा मतदाताओं को “अद्वितीय राष्ट्रीय ईपीआईसी नंबर” सुनिश्चित करके इस “लंबे समय से लंबित मुद्दे” को हल करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि नई प्रणाली भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विभिन्न राज्यों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र नंबरों के मुद्दे को उठाया और चुनाव आयोग पर मामले को दबाने का आरोप लगाया।
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