European: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में हुई तीखी बहस के बाद यूक्रेन के यूरोपीय साझेदारों और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं ने जहां जेलेंस्की का समर्थन किया तो वहीं दूसरी ओर ‘व्हाइट हाउस’ ट्रंप के साथ खड़ा दिखाई दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति के अधिकारिक कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में ट्रंप और अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जे. डी. वेंस के साथ अप्रत्याशित जुबानी जंग के बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस से चले गए। दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस के बाद यूक्रेनी नेता के समर्थन ने यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और यूरोप के बीच उभरी गहरी दरार को उजागर कर दिया है।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपने जो गरिमा दिखाई, उसने यूक्रेन के लोगों की बहादुरी को दर्शाया है। मजबूत, बहादुर और निडर बने रहें, प्रिय वोलोदिमीर जेलेंस्की। हम न्यायपूर्ण और शांति के लिए आपके साथ काम करते रहेंगे।” फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ‘एक्स’ पर लिखा, “एक हमलावर है: रूस। एक पीड़ित है: यूक्रेन। हमारा तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करना और रूस पर प्रतिबंध लगाना सही था – और ऐसा करते रहना सही भी है।”
मैक्रों ने कहा, “हमारे से मेरा तात्पर्य अमेरिकी, यूरोपीय, कनाडाई, जापानी और कई दूसरे से है।” उन्होंने कहा, “उन सभी का आभार जिन्होंने मदद की और कर रहे हैं। उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं जो शुरू से ही लड़ रहे हैं – क्योंकि वे अपनी गरिमा, अपनी स्वतंत्रता, अपने बच्चों और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।”
ट्रंप की करीबी सहयोगी मानी जाने वाली इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि वे कूटनीति को फिर से पटरी पर लाने के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच शिखर सम्मेलन का आह्वान करेंगी। उन्होंने बयान में कहा, “अमेरिका, यूरोपीय देशों और सहयोगियों के बीच तत्काल एक शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाने की जरूरत है, जिसमें इस बारे में खुलकर बात की जाए कि हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटना चाहते हैं। इसकी शुरुआत यूक्रेन से हो, जिसका हमने हाल के वर्षों में मिलकर बचाव किया है।”
जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ‘एक्स’ पर लिखा, ” वोलोदिमीर जेलेंस्की, हम अच्छे और मुश्किल समय में यूक्रेन के साथ खड़े हैं। हमें इस भयानक युद्ध में कभी हमलावर और पीड़ित को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।” एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिशल ने कहा कि उनका देश स्वतंत्रता की लड़ाई में जेलेंस्की और यूक्रेन के साथ एकजुट है। मिशनल ने कहा, “हमेशा। क्योंकि ये सही है, आसान नहीं है।”इसके अलावा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटरी ओर्पो, लात्विया के राष्ट्रपति एडगर्स रिंकेविक्स, लग्जमबर्ग के प्रधानमंत्री लुक फ्रीडेन, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने यूक्रेन और जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया है।
दूसरी ओर ‘व्हाइट हाउस’ ने एक बयान जारी कर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और उप-राष्ट्रपति वेंस की ‘अमेरिका फर्स्ट स्ट्रेंथ’ को समर्थन मिल रहा है। ट्रंप और वेंस ने दुनिया को साफ कर दिया है कि अमेरिका का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। कैबिनेट और पूरे देश के सांसद ये भावना जाहिर कर चुके हैं।” बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम समेत कई सांसदों की राय शामिल हैं।
बयान में रुबियो ने कहा, “अमेरिका के लिए इस तरह खड़े होने के लिए राष्ट्रपति का आभार। पहले कभी किसी राष्ट्रपति ने ऐसा करने का साहस नहीं किया। अमेरिका को सबसे पहले रखने के लिए आपका धन्यवाद। अमेरिका आपके साथ है!” नोएम ने कहा, “मुझे हमारे कमांडर-इन-चीफ (ट्रंप) पर बहुत गर्व है। अमेरिका के लिए खड़े होने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और उप-राष्ट्रपति वेंस को धन्यवाद। हम अमेरिका का अनादर बर्दाश्त नहीं करेंगे।” हालांकि अमेरिकी संसद के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने राष्ट्रपति ट्रंप और उप-राष्ट्रपति वेंस की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने आज राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिकी लोग यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं, भले ही ट्रंप व्लादिमीर पुतिन और रूस के साथ खड़े हों।