Chamoli: उत्तराखंड के चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि मौसम संबंधी बाधाओं के कारण जिले में बद्रीनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर हिमस्खलन में फंसे बीआरओ मजदूरों को बचाने का अभियान रोक दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन में बीआरओ के 57 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली थी लेकिन अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि सेना, पुलिस, आईटीबीपी और बीआरओ से जुड़े लोगों ने मौके पर पहुंचकर बचाव और राहत कार्य शुरू किया।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि चमोली में हिमस्खलन में फंसे बीआरओ के 57 मजदूरों में से 16 को बचा लिया गया है, माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आखिरी गांव है। हिमपात और बारिश के जारी रहने के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।
चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी “माणा और माणा पास के बीच मॉर्निंग में एक सूचना आई थी कि एक एवलांच आया है और वहां बीआरओ एजेंसी के 57 लेबर कैंप थे, जो नियमित रूप से वहां पे स्नो क्लियरेंस का काम करते हैं आर्मी मूवमेंट के लिए टूवर्ड्स तिब्बत बॉर्डर और फिलहाल कोई कैजुअलिटी की न्यूज हमारे पास नहीं है और आर्मी, आईटीपी, बीआरओ, एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस, ये सब टीम मोबलाइज्ड हो गई हैं।
अभी एक्टिव रेनफॉल और एक्टिव स्नोफॉल हायर रीजन में होने के कारण हमारी जो रेस्क्यू प्रोग्रेस है वो स्लो हो रही है और सीएम ऑफिस और प्राइम मिनिस्टर ऑफिस से लगातार हमें हेल्प मिल रही है और बीआरओ की टीम भी मोबलाइज्ड हो गई हैं और आशा करता हूं कि जैसे ही वेदर हमें सपोर्ट करेगा, हम तेजी से काम करेंगे और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी।”