Uttar Pradesh: स्वच्छ भारत मिशन ने दुनिया को स्वच्छता के प्रति नई प्रेरणा दी – मुख्यमंत्री योगी

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने दुनिया को स्वच्छता के प्रति एक नई प्रेरणा दी है। महाराष्ट्र के समाज सुधारक संत गाडगे महाराज की 149वीं जयंती के अवसर पर सेक्टर एक के गंगा पंडाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “गाडगे जी महाराज ने अपने अनुयायियों और भक्तों के बीच कीर्तन करने, अंधविश्वास को किसी भी तरह से रोकने और रूढ़ीवाद और जातिवाद पर प्रहार करने के साथ ही स्वच्छता को लेकर जनजागरण किया।”

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी, तो लोगों को लगता था कि इससे क्या होगा, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन पूरे भारत का मिशन बन गया है और पूरी दुनिया भारत की स्वच्छता को देखकर अभिभूत है। मुख्यमंत्री ने कहा, “इसी अभियान का परिणाम है कि लोग गांव-गांव में स्वच्छता को लेकर जागरूक हुए हैं और स्वच्छता के मानक पर भारत पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बना हुआ है। इससे ना केवल नारी गरिमा की रक्षा हुई, बल्कि ये दुनिया के लिए एक नई प्रेरणा बना है।”

संत गाडगे महाराज महाराष्ट्र के समाज सुधारक थे। वे सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और विशेष रूप से स्वच्छता से संबंधित जागरुकता फैलाने के लिए विभिन्न गांवों में जाते थे। उनका जन्म 23 फरवरी 1876 को हुआ था और 20 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “संत गाडगे महाराज की प्रेरण हम सबको। याद रखना उस समय कीर्तन भी करते थे। शिक्षा के प्रति जागरूक भी करते थे, जातिवादी व्यवस्था का विरोध करते थे और उस समय उनके द्वारा अंधविश्वास का विरोध होता था, रूढ़िवादिता का भी विरोध होता था। लेकिन वे जहां जाते थे अपने साथ झाड़ू रखकर स्वच्छता के प्रति आम जन को जागरूक भी करते थे। एक बात वो कहते थे ईश्वर का वास वहां है, जहां स्वच्छता है। याद रखिए प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत दो अक्टूबर 2014 को दिया था।

लोगों को लगता था कि इससे क्या होगा, लेकिन आज ये स्वच्छ भारत मिशन पूरी दुनिया का मिशन बन गया है। इस अभियान का परिणाम है लोग गांव-गांव में स्वच्छता को लेकर जागरूक हुए हैं। 12 करोड़ परिवार। 12 करोड़ का मतलब 60 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय बन गया। नारी गरिमा की भी रक्षा हो गई। गांव और चौराहे के स्वच्छ वातावरण से लोगों को एक अच्छी दिशा में चलने की प्रेरणा भी मिल गई और बीमारी का अंत भी हो गया।”

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