Dehradun: उत्तराखंड में जमीनों की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए विधानसभा ने 21 फरवरी को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
इससे पहले, सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “ये प्रदेश में भूमि सुधारों की नींव रखेगा और भू-माफियाओं पर लगाम लगाएगा। इससे भूमि प्रबंधन भी बेहतर होगी। प्रदेश की जनभावनाओं के अनुरूप इसे लाया गया है और यह उनके अधिकारों का संरक्षण करेगा।”
उन्होंने कहा कि इससे भू-माफिया और असल निवेशकों में फर्क करने में मदद होगी और निवेशकों के हितों की रक्षा होगी। उन्होंने कहा कि इसे लाने की जरूरत महसूस की जा रही थी, क्योंकि प्रदेश में भूमि खरीद के नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जा रहा था। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधेयक में अनेक खामियां बताते हुए विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने के बजाय उसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग की।
बताया जा रहा है कि लंबे समय से प्रदेश के लोग भूमि खरीद के नियमों में बड़े पैमाने पर हो रहे उल्लंघन को रोकने के लिए सख्त भू-कानून लाने की मांग कर रहे थे। इस मसले को लेकर आंदोलन करने वालों का मानना था कि इससे खासतौर से पहाड़ी क्षेत्रों की सीमित कृषि भूमि निरंतर कम होती जा रही थी।